नई दिल्ली, 31 अगस्त। पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा, समाज की गंभीर चिंता है। देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं, लेकिन इसे और सक्रिय करने की जरूरत है। महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही बड़ा भरोसा मिलेगा।”
उन्होंने कहा,” न्याय में देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में देश ने न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लगभग आठ हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पिछले 25 साल में जितनी राशि न्यायिक बुनियादी ढांचा पर खर्च की गई, उसका 75 प्रतिशत पिछले 10 वर्ष में ही हुआ है।”
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे लोकतंत्र में न्यायपालिका संविधान की संरक्षक मानी गई है। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि हमारी सुप्रीम कोर्ट, हमारी न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन का प्रयास किया है। आजादी के बाद न्यायपालिका ने न्याय की भावना की रक्षा की। जब-जब देश की सुरक्षा का प्रश्न आया तब न्यायपालिका ने राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर एकता की रक्षा की। आजादी के अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का एक ही सपना है – विकसित भारत, नया भारत। नया भारत यानी- सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत। हमारी न्यायपालिका इस विजन का मजबूत स्तम्भ है।”