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साध्वी ऋतंभरा, शारदा सिन्हा, शोभना चंद्रकुमार… राष्ट्रपति मुर्मू ने 57 विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से किया सम्मानित

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नई दिल्ली, 28 मई। राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की अलग-अलग विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। इस दौरान साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण सम्मान दिया गया। वहीं, कला-लोक संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। सिन्हा की तरफ से उनके बेटे ने पुरस्कार ग्रहण किया। साथ ही डॉ. शोभना चंद्रकुमार को कला-लोक नृत्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पद्म भूषण सम्मान दिया।

इन विभूतियों के अलावा साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनका पुरस्कार उनकी पत्नी ने प्राप्त किया। बिबेक देबरॉय एक अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे उल्लेखनीय कार्यों के लेखक भी थे।

कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया को भी कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मरणोपरांत पद्म विभूषण प्रदान किया गया। कुमुदिनी रजनीकांत का पुरस्कार ग्रहण करने उनके पोते राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। इसके साथ ही न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर को सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया।

समारोह में 57 लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया, जिनमें लेखक सीनी विश्वनाथ, फुटबाल खिलाड़ी आई एम विजयन, असमिया और नेपाली भाषा के साहित्यकार गीता उपाध्याय, सेंटर फॉर पालिसी स्टडीज के अध्यक्ष एम. गोड्डामाने, लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद, पैरा तीरंदाजी हरविंदर सिंह भी शामिल हैं।

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