हाथरस/एटा, 2 जुलाई। हाथरस जिले के रतिभानपुर में मंगलवार दोपहर हुए कारुणिक हादसे में जिस नारायण साकार हरि बाबा उर्फ भोले बाबा के सत्संग के चलते सवा सौ से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, उन्हें यौन शोषण सहित पांच गंभीर मुकदमों का आरोपित भी बताया जा रहा है।
इसके साथ ही कासगंज जिले के पटियाली के रहने वाले साकार हरि का, जिनका असल नाम सूरज पाल सिंह है, पुराना सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव भोले बाबा के सत्संग में शामिल होते रहे हैं। पिछले वर्ष जनवरी माह में भी बाबा के सत्संग में अखिलेश शामिल हुए थे और उनकी महिमा के गुणगान में एक पोस्ट शेयर किया था।
अखिलेश यादव जब सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि के कार्यक्रम में पहुंचे थे तो उन्होंने एक्स पर सत्संग में हिस्सा लेने की तस्वीरें शेयर करते हुए एक पोस्ट भी लिखी थी। पोस्ट में उन्होंने कहा था कि नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो।
इटावा में पोस्टेड रहे हैं बाबा, पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया था
यही नहीं उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 वर्ष पहले बाबा इटावा में भी पोस्टेड रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार नौकरी के दौरान रेप का मुकदमा लिखे जाने के बाद सूरज पाल को पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया था। जेल से छूटने के बाद वह अपना नाम और पहचान बदलकर बाबा बन गए थे।
भोले बाबा के अनुयायी उन्हें परमपिता परमेश्वर मानते हैं
भोले बाबा के अनुयायी उन्हें प्रभु एवं परमात्मा भी कहते हैं और उन्हें परमपिता परमेश्वर मानते हैं। जैसे आमतौर एक दूसरे से मिलने पर लोग नमस्ते, राम-राम करते हैं, लेकिन भोले बाबा के समर्थक नमस्ते की जगह ‘परमपिता परमेश्वर की संपूर्ण ब्रहमांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो, जयजयकार हो’ कहते हैं। पूरा सत्संग बेहद गूढ़ होता है, लेकिन भोले बाबा परमपिता परमेश्वर की बातें करते हैं। खुद को परमपिता परमेश्वर नहीं कहते हैं। संभल में भोले बाबा के कई सत्संग हो चुके हैं।
आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, भोले बाबा फरार
इस बीच पुलिस ने सत्संग के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। वहीं हादसे के बाद से बाबा नारायण साकार हरि फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। भोले बाबा का मोबाइल भी स्विच ऑफ चल रहा है। माना जा रहा है कि बाबा हाथरस सीमा से बाहर हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक उच्चस्तरीय बैठक में 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह हादसा है या साजिश, इसकी भी जांच होगी।