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नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर – ‘राजनीति करने की एक सीमा होनी चाहिए’

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राजपिपला (गुजरात), 26 मई।  विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के 20 विपक्षी दलों के फैसले को शुक्रवार को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि राजनीति करने की एक सीमा होनी चाहिए। गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर आए जयशंकर नर्मदा जिले के राजपिपला कस्बे में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

जयशंकर ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन का जश्न पूरे देश को एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई, रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। विपक्षी दलों का तर्क है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए क्योंकि वह न केवल गणराज्य की प्रमुख हैं, बल्कि संसद की भी प्रमुख हैं क्योंकि वह उसे आहूत करती हैं, सत्रावसान करती हैं और उसे संबोधित करती हैं।

नई संसद के उद्घाटन का जश्न पूरे देश को एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए

विदेश मंत्री ने कहा, ‘मेरा मानना है कि नए संसद भवन के उद्घाटन को लोकतंत्र के त्योहार के रूप में लिया जाना चाहिए और इसका जश्न उसी भावना से मनाया जाना चाहिए। इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। अगर यह विवाद का विषय बन जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग (विवाद पैदा करने की) कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि राजनीति में लिप्त होने की एक सीमा होनी चाहिए। कम से कम ऐसे अवसरों पर पूरे देश को एक साथ आना चाहिए और इस त्योहार को मनाना चाहिए।’

अपने गुजरात दौरे में जयशंकर का नर्मदा जिले के उन चार गांवों में जाने का कार्यक्रम है, जिन्हें उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है। उन्होंने सुबह सबसे पहले व्याधर, तिलकवाड़ा में दो स्मार्ट आंगनवाड़ी का भूमि पूजन किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद गीता बेन राठवा उपस्थित थीं।

जयशंकर ने सांसद आदर्श ग्राम अमादला, गरुडेश्वर में जन सम्पर्क के माध्यम से स्थानीय विकास कार्यों की जानकारी ली। वहां हेल्थ, वेलनेस सेंटर और आंगनवाड़ी की भी समीक्षा की। दोपहर में विदेश मंत्री ने केवड़िया में एकता कौशल विकास केंद्र का दौरा किया और स्थानीय प्रतिभाओं के प्रशिक्षण की प्रगति देखी। फिर शाम को तीसरे आदर्श गांव, सागबारा के भादोड़ का भ्रमण किया।