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एस जयशंकर ने वाराणसी में कहा – ‘मोदी सरकार देश ही नहीं बल्कि विश्व में हिन्दू मदिरों को संरक्षित कर रही’

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वाराणसी, 11 दिसम्बर। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चल रहे काशी तमिल संगमम में रविवार को शिरकत करते हुए कहा कि मोदी सरकार देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी स्थित हिन्दू मंदिरों को संरक्षित कर रही है।

काशी तमिल संगमम में ‘समाज और राष्ट्र निर्माण में मंदिरों का योगदान’ विषय पर अपने विचार रखते हुए जयशंकर ने कहा, ‘हमारे कई हिन्दू मंदिर न केवल भारत बल्कि उसके बाहर भी हैं, जिन्हें अपनी सभ्यता और संस्कृति के तौर पर हमें सहेजना जरूरी है।’

इसी क्रम में भारत कंबोडिया स्थित विश्व प्रसिद्ध अंगकोरवाट मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार करा रहा है। उन्होंने कहा, ‘भारत ने यह कदम इसलिए उठाया है कि हम विश्व में फैली अपनी सभ्यता को संरक्षित करना चाहते हैं और उसे भव्य रूप देना चाहते हैं।’

भारत की सभ्यता विश्व के कई देशों में फैली है

उन्होंने कहा, ‘मैं मौजूदा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ कंबोडिया स्थित दुनिया के सबसे बड़े मंदिर अंगकोरवाट को देखने के लिए मंदिर परिसर में गया था। आज हम अंगकोरवाट में न केवल मुख्य मंदिर बल्कि अन्य मंदिरों का भी जीर्णोद्धार करा रहे हैं। भारत सरकार की ओर से यह एक ऐसे योगदान हैं, जो देश के बाहर हिन्दू धर्म और सभ्यता को सहेजने के लिए किया जा रहा है क्योंकि भारत की सभ्यता न केवल हमारे देश बल्कि विश्व के कई देशों में फैली है।’

विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘आज हम भारतीय सभ्यता को पुनर्स्थापित करने के लिए मंदिरों का पुनर्निर्माण करा रहे हैं और हमारा यह कार्य केवल भारत में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में हो रहा है। विश्व में जहां भी भारतीय नागरिक गये, वो अपने साथ इस देश की मिट्टी और सभ्यता भी साथ लेकर गए और दूसरे देशों में उसे स्थापित किया।’

चीन में भारतीय राजदूत के तौर पर अपने सेवाकाल को याद करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘आप में से कुछ लोग जानते हैं कि मैं कई वर्षों तक चीन में राजदूत रहा हूं। मैंने पूर्वी तट पर चीन में भी हिन्दू मंदिरों के अवशेष देखे हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अयोध्या और कोरिया के बीच एक बहुत ही खास संबंध है, जिसके कारण वहां के लोग अयोध्या के घटनाक्रम से जुड़ना चाहते हैं।

हम यूएई में हिन्दू मंदिर बना रहे, बहरीन में भी मिली मंजूरी

विदेश मंत्री ने बहरीन स्थित श्रीनाथ जी मंदिर का जिक्र करते हुए कहा, ‘इन सभी मंदिरों को हमारे पूर्वजों ने वहां जाकर स्थापित किया था और यह हमारे लिए यह बेहद गर्व की बात है कि हम यूएई में भी हिन्दू मंदिर बना रहे हैं। इसके अलावा हमें बहरीन में मंदिर बनाने की मंजूरी मिल गई है और मंदिर निर्माण की दिशा में हमने वियतनाम में बहुत अच्छा काम किया है।’

‘विदेशों में बसे 3.5 करोड़ अनिवासी भारतीय हमारी संस्कृति को बढ़ा रहे

जयशंकर ने कहा, ‘विदेशों में हिन्दू मंदिरों के रखरखाव और उनकी व्यवस्था में विदेश मंत्रालय पूरी गंभीरता के साथ काम कर रहा है। इसमें हमें भारतीय मूल के लोगों का बहुत साथ मिल रहा है। अमेरिका में 1,000 से ज्यादा मंदिर हैं और वहां के एनआरआई हमें बहुत सपोर्ट कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आप भरोसा करिए, विदेशों में बसे 3.5 करोड़ अनिवासी भारतीय लोग, आज भी विदेशों में पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भारतीय संस्कृति को बढ़ा रहे हैं।’

पीएम मोदी ने नेपाल में रामायण सर्किट बनाने के लिए 200 करोड़ देने का वादा किया है

डॉ. जयशंकर ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा, ‘पीएम मोदी ने नेपाल में रामायण सर्किट बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये देने का वादा किया है और हम उस दिशा में भी तेजी से बढ़ रहे हैं ताकि हम सभी लोगों को अपनी विरासत बेहद करीब से देखने का सुंदर मौका मिल सके। इसके अलावा श्रीलंका में भी हमने मन्नार स्थित थिरुकेतीश्वरम मंदिर का जीर्णोद्धार कराया है। यह मंदिर बीते 12 साल से बंद था।’

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