मॉस्को, 27 सितम्बर। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 30 सितम्बर को संसद में अपने संबोधन के दौरान यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों को रूसी संघ में शामिल करने की घोषणा कर सकते हैं। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन के चार कब्जे वाले क्षेत्रों में रूसी समर्थित अधिकारी इन दिनों जनमत संग्रह कर रहे हैं कि क्या वे रूस में शामिल होना चाहते हैं। हालांकि पश्चिम और यूक्रेन ने इन जनमत संग्रह को नाजायज और दिखावा करार दिया है।
Latest Defence Intelligence update on the situation in Ukraine – 27 September 2022
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— Ministry of Defence 🇬🇧 (@DefenceHQ) September 27, 2022
यूक्रेन के कब्जे वाले 4 क्षेत्रों में जनमत संग्रह जारी
पिछले हफ्ते शुक्रवार को शुरू हुए इन जनमत संग्रह के तहत यूक्रेन के पूर्व में व दक्षिण में दो-दो क्षेत्रों यानी लुहांस्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया में मतदान हो रहा है। जनमत संग्रह ऐसे समय में आया है, जब रूस बैकफुट पर है क्योंकि यूक्रेन के जवाबी हमले ने उस क्षेत्र पर फिर से कब्जा कर लिया है, जिसे मॉस्को ने फरवरी के आक्रमण के बाद से जब्त कर लिया था।
व्लादिमिर पुतिन ने देश में रिजर्व सैन्यबल के जवानों की आंशिक तैनाती की भी घोषणा की है, जो उन्होंने कहा था कि “मातृभूमि, इसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए” फैसला लिया गया था। इस कदम को पश्चिम द्वारा एक सैनिक वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है।
रूस में 300,000 आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती का प्लान
गौरतलब है कि रूस में 300,000 आरक्षित सैनिकों (रिजर्विस्ट) की आंशिक तैनाती का प्लान बनाया गया है। रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है, जो ‘मिलिट्री रिजर्व फोर्स’ का सदस्य होता है। यह आम नागरिक होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। शांतिकाल में यह सेना में सेवाएं नहीं देता।