नई दिल्ली, 5 दिसंबर। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार नई दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान, दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों की समीक्षा होगी और रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने के उपायों पर बातचीत की जाएगी।
दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू मंत्री स्तरीय संवाद
पुतिन की यात्रा से पहले रूस के विदेश मंत्री सरगेई लेवरॉफ आज रात भारत पहुंच रहे हैं। वह विदेश मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर से मिलेंगे। इसके बाद दोनों मंत्री दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ पहले टू प्लस टू मंत्री स्तरीय संवाद में भाग लेंगे।
इससे पहले, सोमवार की सुबह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सरगेई शोयगु सैन्य तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।
कोविड काल के दौरान पुतिन की भारत की यह दूसरी यात्रा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बेहतर आपसी संबंध हैं। दोनों नेताओं के बीच सीधी बातचीत के महत्व का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि कोविड महामारी के दौरान राष्ट्रपति पुतिन की भारत की यह दूसरी व्यक्तिगत यात्रा है।
कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना
इस यात्रा के दौरान कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। सम्मेलन से पहले मेक इन इंडिया पहल को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश के अमेठी में पांच लाख एके-203 राइफलों के उत्पादन के लिए संयुक्त उपक्रम को स्वीकृति दी जा चुकी है।