नई दिल्ली, 2 मार्च। भारत में रूस के नए राजदूत डेनिस एलिपोव ने यूक्रेन के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से नागरिकों को निकालने का भारत को भरोसा दिलाया है और कहा है कि रूसी सेना इसके लिए सुरक्षित मार्ग बनाने पर काम कर रही है।
रूसी राजदूत एलिपोव ने कहा कि उनकी विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई और इस दौरान उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की वहां से सुरक्षित निकासी पर चर्चा की।
एलिपोव ने कहा, ‘यूक्रेन में खारकीव, सूमी और अन्य संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में भारतीयों की सुरक्षा को लेकर हम भारत के साथ सम्पर्क में है। हम यूक्रेन में संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीयों के लिए गलियारा और सुरक्षित मार्ग बनाने पर गहनता से काम कर रहे हैं।’
यूक्रेन से भारतीयों की वापसी के लिए जल्द चालू होगा गलियारा
रूसी राजदूत का यह बयान 24 घंटे पहले यूक्रेन में रूसी हमले में भारत के एक मेडिकल छात्र 21 वर्षीय नवीन शेखरप्पा की मौत के बाद आया है। नवीन की मौत के बाद विदेश सचिव श्रृंगला ने रूस और यूक्रेन के राजदूतों को तलब किया और भारतीयों की सुरक्षा को लेकर उनसे चिंता जाहिर की थी। यूक्रेन से भारतीयों की वापसी के लिए गलियारा कब चालू होगा, यह पूछे जाने पर भारत में डेनिस एलिपोव ने कहा कि यह जल्द से जल्द होगा।
भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति में पश्चिमी प्रतिबंधों से कोई बाधा नहीं
एलिपोव ने यह भी कहा कि यूक्रेन की स्थिति के आकलन के आधार पर भारत का रुख ‘निष्पक्ष’ है और ऐसा इसलिए नहीं है कि वह रूसी हथियारों पर निर्भर है। उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति करने में कोई बाधा नहीं दिखती।
उन्होंने कहा, ‘हम संयुक्त राष्ट्र में हमारी स्थितियों को लेकर समन्वय कायम करते हैं और भारत को अपने रुख के बारे में सूचित करते हैं। मौजूदा स्थिति के बारे में भारत के साथ नवीनतम जानकारी साझा करने का हम हर संभव प्रयास करते हैं।’