नई दिल्ली, 20 जून। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले डेढ़ वर्ष से छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही। इसी क्रम में रूस ने आज यूक्रेन की राजधानी कीव पर जबर्दस्त ड्रोन हमला किया। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा है कि रूसी ड्रोन ने मंगलवार की तड़के राजधानी कीव और अन्य शहरों को निशाना बनाया। शहर में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर बम गिराए गए।
यूक्रेनी वायु सेना ने कहा – 35 रूसी ड्रोन में 3 छोड़ सभी को मार गिराया
हालांकि यूक्रेन की वायु सेना ने यह भी दावा किया है कि रूस की तरफ से 35 ड्रोन लॉन्च किए गए थे, जिनमें तीन को छोड़कर सभी को मार गिराया गया। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि कीव शहर में हमले से आग लग गई, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ। रूस की तरफ से कीव पर ड्रोन से और ज़ापोरिज़्ज़िया पर मिसाइल से हमला किया गया।
रूस हमलों के लिए ईरान द्वारा निर्मित शाहीद ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार वायुसेना ने कहा है कि कीव में रूसी क्षेत्र से उत्तर की ओर और दक्षिण-पूर्व में आज़ोव के आंतरिक सागर के तट से 20 से अधिक ड्रोन दागे गए। 18 दिनों में यह इस तरह की पहली घटना थी। रूस हमलों के लिए ईरान द्वारा निर्मित शाहीद ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।
रूस ने बीते दिनों बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती की है
गौरतलब है कि हाल ही में बेलारूस में रूस द्वारा सामरिक परमाणु हथियारों की तैनाती की गई थी। अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चिंता जताई है कि रूस वास्तव में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने खुद पुष्टि की थी कि उन्होंने रूस के पड़ोसी देश बेलारूस को कुछ परमाणु हथियार भेजे हैं। पुतिन ने यह जानकारी सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए दिया। यही नहीं राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी कहा कि वे आने वाले दिनों में यानी गर्मी के खत्म होते ही बाकी परमाणु हथियार को भी वे बेलारूस भेज देंगे।
पुतिन के फैसले के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों में खलबली मची हुई है
युद्ध के दौरान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल वाले सवाल पर जवाब देते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था है कि ये परमाणु हथियार उन देशों के लिए हैं, जो रूस के रास्ते में आने चाहते है और उसे हराना चाहते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच अब भी युद्ध जारी है और इस बीच रूस से परमाणु हथियार हासिल करने वाला बेलारूस दुनिया का पहला देश है। व्लादिमीर पुतिन के इस फैसले के बाद से ही अमेरिका और पश्चिमी देशों में खलबली मची हुई है।