मॉस्को, 26 फरवरी। रूस ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यूक्रेन पर संयुक्त बयान जारी करके भारत में जी-20 के वित्त मंत्रियों की बैठक को अस्थिर करने की कोशिश की है। इस संबंध में रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हमें इस बात को लेकर बेहद निराशा है कि भारत में हुई जी-20 की बैठक को पश्चिमी देशों द्वारा अस्थिर करने का प्रयास किया गया, जो बेहद चिंताजनक है और रूस विरोध का तरीका यह तरीका बेहद निंदनीय है।’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस ने आरोप लगाया कि यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर अमेरिका, यूरोपीय संघ और जी-7 देश सामूहिक निर्णयों को बाधा डालने का आरोप लगा रहे हैं, जो स्पष्ट तरीके से जी-20 की अगुआई कर रहे भारत को ब्लैकमेल करने का तरीका है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पश्चिमी देशों ने लॉबिंग के तहत संयुक्त बयान जारी करके यूक्रेन संघर्ष की बात की है ताकि भारत में आयोजित जी-20 की बैठक को प्रभावित किया जा सके।
जी-20 को यूक्रेन मामले से दूर केवल आर्थिक मंच के तौर पर काम करना चाहिए
रूस ने पश्चिम को चेतावनी देते हुए कहा कि जी-20 को यूक्रेन मामले से दूर केवल आर्थिक मंच के तौर पर काम करना चाहिए और गैर आधिकारिक सुरक्षा क्षेत्र में कोई अनर्गल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। गौरतलब है कि चीन द्वारा यूक्रेन युद्ध को खत्म करने या कम कम करने की मांग के बाद वार्ता के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था पर एक संयुक्त बयान पर सहमत होने के लिए बेंगलुरू में आयोजित जी-20 के वित्त मंत्रियों की बैठक शनिवार को असफल रही।
जी-20 की अगुवाई कर रहे भारत ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा जी-20 के अधिकतर सदस्यों ने यूक्रेन युद्ध की कड़ी निंदा की है। बेंगलुरु में आयोजित दो दिवसीय बैठक में समूह के सदस्यों ने अनवरत जारी युद्ध की स्थिति और प्रतिबंधों का अलग-अलग आकलन किया था। उसके बाद जारी एक फुटनोट में कहा गया है कि युक्रेन युद्ध के संबंध में नवंबर में बाली में आयोजित जी-20 नेताओं की घोषणा के अनुसार इस बैठक को भी देखा गया है, जिस पर रूस और चीन को छोड़कर सभी सदस्य देशों ने सहमति व्यक्त की थी।