मुंबई, 28 सितंबर। बुधवार यानी 28 सितंबर को डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर 81.90 पर खुला। खबर लिखे जाते समय यह लुढ़क कर डॉलर के मुकाबले 81.93 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। डॉलर में लगातार आ रही मजबूती, विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय पूंजी बाजार से धन की निकासी और इक्विटी मार्केट में जोखिम बढ़ने से रुपये में कमजोरी देखी जा रही है। पिछले कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 81.57 के स्तर को पार गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये में आ रही कमजोरी पर नजर बनाए हुए है। अगर आज या कल रिजर्व बैंक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई कोई कदम नहीं उठाता है तो 30 सितंबर को इस बारे में जरूर कोई ठोस कदम उठा सकता है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपया 81.9350 का स्तर छूने के बाद 81.90 पर कारोबार करता देखा गया। एशियाई कारोबार में यूएस डॉलर इंडेक्स 114.68 की नई ऊंचाई पर देखा गया। 2010 के बाद पहली बार यूएस 10 ईयर ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड 4 प्रतिशत पर पहुंच गया।
अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड में बढ़ोतरी और विकासशील देशों की मुद्राओं पर डॉलर के दबाव से संभव है कि ऐसे देश आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करें। इस कारण इकॉनोमिक ग्रोथ भी प्रभावित हो सकती है। बुधवार को डॉलर की मजबूती की वजह से कई देशों की मुद्राएं निम्न स्तर पर कारोबार करती देखी गईं। ऑस्टेलिायाई डॉलर ने तो मई 2020 के बाद का सबसे निम्न स्तर 0.6389 डॉलर छुआ।
भारतीय शेयर बाजार भी आज गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। खबर लिखे जाते समय एनएसई का निफ्टी 0.63 प्रतिशत या 107.45 अंकों की गिरावट के साथ 16,899.95 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया। वहीं, बीएसई का सेंसेक्स भी 0.53 प्रतिशत या 301.10 प्वाइंट लुढ़क कर 56,806.42 पर कारोबार कर रहा था।