नई दिल्ली, 18 दिसम्बर। शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की सुरक्षा में सेंध मामले को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच रार बढ़ती जा रही है। इसकी ताजा बानगी सोमवार को दिखी, जब सदन में इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग पर राज्यसभा और लोकसभा में कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
लोकसभा में हंगामे पर आसन ने सख्त काररवाई करते हुए 33 सांसदों को निलंबित किया जबकि राज्यसभा में सभापति ने 45 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया। लोकसभा में विपक्षी सांसदों के तख्तियां दिखाने को लेकर ये काररवाई की गई है। लोकसभा में गत शुक्रवार को 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इस प्रकार राज्यसभा और लोकसभा मिलाकर अब तक कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है।
सभी सांसद शीतकालीन सत्र के बचे हुए कार्यदिवस के लिए निलंबित
निलंबित सांसदों में लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में जयराम रमेश भी शामिल हैं। आसन ने सभी सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए कार्यदिवस के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने की मांग रखी। इसके बाद आसन ने इन सदस्यों को सस्पेंड कर दिया। सांसदों को निलंबित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि स्पीकर ओम बिरला ने सभी सदस्यों से सदन में प्लेकार्ड यानी तख्तियां नहीं लाने का आग्रह किया था। लेकिन संसद की सुरक्षा में चूक के मामले पर विपक्षी सांसद लगातार तख्तियां आसन के सामने दिखा रहे थे। यही नहीं, लोकसभा में विपक्षी सांसद अब्दुल खालिक, विजय वसंत और के जयकुमार के मामले को प्रिवलेज कमिटी को भेज दिया गया है।
राज्यसभा से रमेश, वेणुगोपाल भी सस्पेंड
राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला को भी निलंबित कर दिया है। राज्यसभा सभापति ने प्लेकार्ड दिखाने को लेकर ये सख्त फैसला लिया है। सदस्यों को निलंबन के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्ष के तेवर सख्त
सरकार की काररवाई के बाद विपक्ष लाल हो उठा है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘सरकार का काम है सदन चलाना। हमें निलंबित करके आवाज दबाई जा रही है।’ वहीं, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘सरकार हमारी आवाज दबाना चाहती है। सरकार गृह मंत्री अमित शाह को बचाना चाहती है। हम पिछले दो दिनों से अपने पहले निलंबित किए गए सांसदों का निलंबन खत्म करने की मांग कर रहे थे। हम संसद में सुरक्षा चूक पर बहस की मांग कर रहे थे।’