भुवनेश्वर, 11 मार्च। ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को उस समय अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के सदस्य एक-दूसरे से भिड़ गए। इस घटनाक्रम से उपजी अफरातफरी बाद स्पीकर सुरमा पाढ़ी ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल, सदन में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब वरिष्ठ भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति की ओर बढ़े, जो शहरी विकास मंत्री के सी महापात्रा के सामने खड़े थे, जब मंत्री एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
बहिनीपति ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘मिश्र ने मेरी शर्ट का कॉलर पकड़ा और मुझे धक्का दिया। मैं मंत्री महापात्रा से अनुरोध कर रहा था कि जब सदन में व्यवस्था नहीं थी, तो वे जवाब देना बंद कर दें। मैंने उनसे हाथ जोड़कर अनुरोध किया। लेकिन मिश्र अचानक मेरे पास आए और मेरा कॉलर पकड़ लिया।’
जयनारायण मिश्र व ताराप्रसाद के बीच उलझाव के बाद जल्द ही सत्ता पक्ष और कांग्रेस के अन्य सदस्यों के बीच भी झड़प हो गई, जिसके बाद स्पीकर पाढ़ी ने कार्यवाही स्थगित कर दी। भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के एक-दूसरे को धक्का देने से सदन में अफरा-तफरी मच गई। बीजद के सदस्य भी वेल में थे, लेकिन उन्होंने झड़प में हिस्सा नहीं लिया।
विपक्षी दल बीजद और कांग्रेस के सदस्य अलग-अलग मुद्दों पर विरोध कर रहे थे। बीजद के सदस्यों ने मिश्र की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से बयान देने की मांग की, जिसमें उन्होंने 1936 में ओडिशा में तत्कालीन कोशल के विलय को ‘ऐतिहासिक भूल’ बताया था। वहीं कांग्रेस के विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कथित वृद्धि पर विरोध जताया।
लगातार दूसरे दिन सदन में हंगामा
वस्तुतः सदन में यह दूसरा दिन था जब हंगामा हुआ। विपक्ष के विरोध के बीच स्पीकर पाढ़ी ने करीब 30 मिनट तक प्रश्नकाल चलने दिया। पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री के सदन में नहीं आने के बाद बीजेडी के सदस्यों ने विधानसभा परिसर में लालटेन लेकर उनकी सांकेतिक ‘तलाश’ शुरू की। बीजेडी विधायकों ने मुख्यमंत्री के कक्ष के सामने धरना भी दिया।

