नई दिल्ली, 22 मार्च। संसद सत्र के दौरान कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी का विषय मंगलवार को लोकसभा में उठाया और सरकार से आग्रह किया कि कीमतों में की गई बढ़ोतरी वापस ली जाए। इसके साथ ही उन्होंने सदन से वॉकआउट किया।
संसद के निचले सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दाम अचानक बढ़ाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अंदेशा पहले से था कि चुनाव खत्म होने के बाद इनके दाम बढ़ाए जाएंगे।
तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंधोपाध्याय ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि का उल्लेख किया और कहा कि ‘हम मांग करते हैं कि सरकार बढ़ोतरी को वापस ले।’
सदन में द्रमुक नेता टीआर बालू ने भी पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध किया। इसके बाद कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट भी किया।
सदन की कार्यवाही आरंभ होने के बाद प्रश्नकाल के दौरान भी विपक्षी दलों ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा उठाने का प्रयास किया, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि वह प्रश्नकाल के बाद यह विषय उठाने की अनुमति देंगे।
राज्यसभा की कार्यवाही भी दो बार स्थगित करनी पड़ी
उधर उच्च सदन राज्य सभा में भी ईंधन की कीमतों को लेकर हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति वेंकैया नायडू को पहले मध्याह्न 12 बजे तक और फिर अपराह्न दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
साढ़े चार माह बाद पेट्रोल, डीजल व एलपीजी के दामों में बढ़ोतरी
गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मंगलवार को 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई। वहीं घरेलू रसोई गैस के दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गए हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जहां 137 दिनों बाद वृद्धि की गई वहीं पिछले वर्ष छह अक्टूबर के बाद घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में यह पहली बढ़ोतरी है।
मूल्यवृद्धि के बाद, दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपये प्रति लीटर होगी, जो पहले 95.41 रुपये थी जबकि डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 87.47 रुपये हो गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में बिना सब्सिडी वाले, 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ाकर 949.50 रुपये कर दी गई है।