जबलपुर, 1 नवम्बर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार को कहा कि RSS पर सिर्फ इसलिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है। उन्होंने साथ ही कहा कि ऐसी मांग करने वालों को अतीत से सीखना चाहिए।
होसबाले बोले – ऐसी मांग करने वाले अतीत से सीख लें
दत्तात्रेय होसबाले ने यहां आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी बैठक के समापन के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान पर जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि संघ को प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए वैध कारण होने चाहिए
होसबाले ने कहा, ‘पहले भी तीन बार ऐसी कोशिशें की गई हैं, तब समाज ने क्या कहा था? अदालत ने क्या कहा था? इन सबके बावजूद संघ का काम बढ़ता रहा। प्रतिबंध लगाने के लिए वैध कारण होने चाहिए। यह सिर्फ इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि कोई ऐसा चाहता है। भारत की एकता, सुरक्षा और संस्कृति के लिए काम करने वाले संगठन को कोई नेता कहता है कि प्रतिबंधित कर देना चाहिए, तो उसे इसका कारण भी बताना चाहिए।’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल बैठक जबलपुर पत्रकार वार्ता प्रमुख उपस्थिति मा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी https://t.co/jlZbnvnkIT
— RSS (@RSSorg) November 1, 2025
संघ के सरकार्यवाह ने कहा कि समाज ने आरएसएस को स्वीकार कर लिया है और सरकारी व्यवस्था ने भी फैसला सुनाया है कि उस पर लगे ऐसे प्रतिबंध गलत थे। उन्होंने कहा, ‘जो लोग अब प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं, उन्हें पिछले अनुभवों से सीखना चाहिए।’
खरगे ने की थी संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने शुक्रवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरएसएस को फिर से प्रतिबंधित करने के सवाल पर कहा था, ‘यह मेरी निजी राय है, और मैं इसे खुले तौर पर कहूंगा, ऐसा होना चाहिए।’ उन्होंने आरोप लगाया था कि ज्यादातर कानून और व्यवस्था की समस्याएं भाजपा और आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं।
बिहार चुनाव में देश व समाज से जुड़े मुद्दों पर वोट देने की अपील
इस बीच, जब होसबाले से पूछा गया कि क्या आरएसएस की बैठक में बिहार या पश्चिम बंगाल चुनावों पर चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि बिहार चुनावों पर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन संघ का रुख साफ है कि लोगों को बड़ी संख्या में वोट देना चाहिए। देश और समाज से जुड़े मुद्दों पर वोट देना चाहिए, न कि जाति या पैसे के आधार पर।
विजयादशमी पर संघ शताब्दी वर्ष के निमित्त 62,555 कार्यक्रमों का आयोजनhttps://t.co/V2lojQ30a2
— RSS (@RSSorg) November 1, 2025
प. बंगाल में राजनीतिक नेतृत्व और सीएम की वजह से नफरत फैली है
पश्चिम बंगाल को लेकर होसबाले ने कहा कि इस बैठक में वहां की स्थिति पर चर्चा नहीं हुई, लेकिन इस पर पहले चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘वहां हालात गंभीर हैं। पिछली बैठक में बंगाल पर एक प्रस्ताव पास किया गया था। राज्य में संघ का काम बढ़ रहा है, लेकिन पिछले चुनावों के बाद राजनीतिक नेतृत्व और मुख्यमंत्री की वजह से द्वेष और नफरत फैली है।’
बंगाल में सामाजिक एकता को मजबूत करने में लगे हैं RSS कार्यकर्ता
आरएसएस नेता ने कहा कि बंगाल एक सीमावर्ती राज्य है और बांग्लादेश से आने वाले लोगों का बोझ झेल रहा है। उन्होंने कहा, ‘अगर राजनीतिक नेतृत्व इस खतरे को खत्म करने में नाकाम रहता है, तो कभी भारत का नेतृत्व करने वाले राज्य बंगाल को अस्थिरता और हिंसा के माहौल में रखना देश के साथ अन्याय होगा।’ उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता बंगाल में सामाजिक एकता को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।
समय के साथ मतदाता सूची को अपडेट किया जाना चाहिए
मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर होसबाले ने कहा कि इसे समय-समय पर अपडेट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘सूचियों को बेहतर बनाया जाना चाहिए। इसमें क्या दिक्कत है? अगर किसी को इसकी प्रक्रिया पर कोई आपत्ति है तो वह निर्वाचन आयोग के सामने अपनी बात रख सकता है।’

