पुणे, 23 अप्रैल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने समाज की हर इकाई को सशक्त बनाने के लिए सस्ती व सुलभ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की वकालत की है।
मोहन भागवत ने यहां महाराष्ट्र आरोग्य मंडल में दादा गुजर के माता बाल अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘भोजन, वस्त्र, आवास और समाज में सम्मानजनक जीवन की इच्छा की तरह ही स्वास्थ्य भी मनुष्य की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य दो चीजें हैं, जो जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक हैं और ये सभी को मिलनी चाहिए।’
भागवत ने कहा, ‘समाज की हर इकाई मजबूत नहीं है, इसलिए इसे सशक्त बनाने और इसे आत्मनिर्भर बनाने की ताकत देने के लिए काम करना जरूरी है।’ सुलभ और किफायती उपचार की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा, ‘यदि आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्योपैथी जैसे विभिन्न उपचार एक ही स्थान पर उपलब्ध कराए जाएं, तो आसान और सस्ती दरों पर इलाज संभव होगा।’
आयुर्वेद की विभिन्न शाखाओं को ताकत देना जरूरी
उन्होंने उपचार की सुलभता और सामर्थ्य में सुधार के लिए आयुर्वेद पर ध्यान देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल इलाज महंगा है। इस खर्च का बोझ मरीज और उसके परिवार पर पड़ता है। आयुर्वेद बीमारी के साथ-साथ सेहत को भी मानता है। इसलिए आयुर्वेद की विभिन्न शाखाओं को ताकत देना जरूरी है।’
‘हमें एक देश के रूप में दुनिया को कुछ देना चाहिए‘
एक मजबूत समाज बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए भागवत ने कहा कि दुनिया को भारत से कुछ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें एक देश के रूप में दुनिया को कुछ देना चाहिए। हमारे पास वह क्षमता है। अगर हम ऐसा कर सकते हैं तो हम दुनिया में एक मजबूत और शक्तिशाली देश के रूप में खड़े हो सकते हैं। राष्ट्र के प्रति अपनेपन और स्नेह की भावना व्यक्त करने की आवश्यकता है।’
आरएसएस प्रमुख ने किफायती और सुलभ तरीके से उत्कृष्ट समग्र उपचार प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र आरोग्य मंडल की प्रशंसा की और कहा कि वर्तमान में समाज में इस तरह के काम की अत्यधिक आवश्यकता है।