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आरएसएस प्रमुख भागवत की नसीहत – तालिबान से रहें सावधान, जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून जरूरी

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नागपुर, 15 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने विजय पर्व विजयादशमी के अवसर शुक्रवार को यहां आरएसएस मुख्यालय पर परंपरागत शस्त्र पूजन किया। भागवत ने डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और माधव सदाशिव गोलवलकर को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद स्वंयसेवकों को संबोधित करते हुए इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान से सावधान रहने की नसीहत दी। इसके साथ ही उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण, विभाजन व ओटीटी प्लेटफॉर्म समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।

तालिबान का चरित्र कैसा है, हम सब जानते हैं

आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा, ‘तालिबान का चरित्र कैसा है, हम सब जानते हैं। उसकी दो प्रकार की बातें हो रही हैं। कभी कहता है कि अच्छे रहेंगे, कभी कहता है पहले जैसे हैं। इसका एक स्पष्ट संकेत है कि उनसे सावधान रहना चाहिए।’

अपनी सावधानी और तैयारियों को पूर्ण रखना चाहिए

डॉ. भागवत ने कहा, ‘तालिबान का पहले समर्थन करने वालों में रूस और तुर्कस्तान भी थे। चीन और पाकिस्तान तो आज भी समर्थन कर रहे हैं। अब तालिबान बदल जाएगा क्या? पाकिस्तान बदला है क्या? ऐसा बिल्कुल नहीं है। चीन का इरादा भारत के बारे में बदला है क्या?’ उन्होंने कहा कि बातचीत से मसला हल हो सकता है। ये सब बातें मानते हुए अपनी सावधानी और अपनी तैयारियों को पूर्ण रखना चाहिए।

जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में बड़ी समस्या

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए। 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए। जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक बड़ी समस्या बन रही है।

भागवत ने कहा कि देश में उपलब्ध संसाधनों, भविष्य की आवश्यकताओं एवं जनसांख्किीय असंतलुन की समस्या को ध्यान में रखते हुए देश की जनसंख्या नीति का पुनर्निर्धारण कर उसे सब पर समान रूप से लागू किया जाए।

उन्होंने सीमा पार से हो रही अवैध घसुपैठ पर भी अंकुश लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनआरसी) का निर्माण कर इन घुसपैठियों को नागरिकता के अधिकार तथा भूमि खरीद के अधिकार से वंचित किया जाए।

ओटीटी प्लेटफॉर्म और ड्रग्स का बढ़ता प्रयोग चिंताजनक

आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जाता है, उस पर कोई नियंत्रण नहीं है। कोरोना के बाद बच्चों के पास भी फोन हैं। नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है…इसे कैसे रोकें? ऐसे कारोबारों के पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में किया जाता है। इन सब पर नियंत्रण होना चाहिए।

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