बेंगलुरु, 20 मार्च। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के निमित्त कर्नाटक में 20 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसके बाद राज्य इकाई में विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है और पूर्व उप मुख्यमंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने मोर्चा खोल दिया है।
बेटे कांतेश की जगह बोम्मई को टिकट न दिये जाने से नाराज
दरअसल ईश्वरप्पा पार्टी द्वारा हावेरी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुनाव लड़ाये जाने और अपने बेटे के.ई. कांतेश को टिकट न दिये जाने से सख्त नाराज हैं। गत 13 मार्च को पार्टी आलाकमान द्वारा घोषित उम्मीदवारों की सूची में ईश्वरप्पा के बेटे के.ई. कांतेश को टिकट नहीं मिला। ईश्वरप्पा हावेरी लोकसभा सीट से अपने बेटे कांतेश के लिए टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनके बेटे की दावेदारी को दरकिनार करते हुए पूर्व सीएम बोम्मई को मैदान में उतार दिया है।
येदियुरप्पा के बड़े बेटे विजयेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा
ईश्वरप्पा ने उसके बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस घटनाक्रम से आहत 75 वर्षीय ईश्वरप्पा ने घोषणा की कि वह ‘कर्नाटक में वंशवादी राजनीति’ के विरोध में येदियुरप्पा के बड़े बेटे बी.वाई. विजयेंद्र के खिलाफ शिवमोगा से चुनाव लड़ेंगे।
कर्नाटक में भाजपा भी एक पार्टी द्वारा नियंत्रित हो रही – ईश्वरप्पा
ईश्वरप्पा ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में भाजपा की हालत खराब है। उन्होंने कहा, ‘लोग और कार्यकर्ता भाजपा के पक्ष में हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था खराब है। हमारे नरेंद्र मोदी जी क्या कह रहे हैं? कांग्रेस पार्टी एक परिवार के हाथों में है। राहुल गांधी, सोनिया गांधी के पास। कर्नाटक में भाजपा की भी वही स्थिति है, वह भी यहां एक परिवार द्वारा नियंत्रित हो रही है। हमें इसका विरोध करना होगा।’
उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि भाजपा में हिन्दुत्व के पक्ष में खड़े लोगों को दरकिनार किया जा रहा है, चाहे वह सीटी रवि हों, प्रताप सिम्हा हों, बसनगौड़ा पाटिल यतनाल हों या सदानंद गौड़ा हों। उन्होंने कहा, ‘किसी भी परिस्थिति में मुझे बी.वाई. विजयेंद्र के खिलाफ शिवमोग्गा से चुनाव लड़ना होगा और मैं जरूर लड़ूंगा।”
पूर्व सीएम डीवी सदानंद गौड़ा भी चुनाव लड़ने के इच्छुक, कांग्रेस के संपर्क में
ईश्वरप्पा के अलावा चुनाव न लड़ने की मंशा रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा भी अचानक चुनाव लड़ने की अपनी तीव्र इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को यह भी संकेत दिया कि वह कांग्रेस में शामिल होने पर विचार कर सकते हैं और बुधवार को इस संबंघ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना फैसला सार्वजनिक कर सकते हैं।
कोप्पल से दो बार के विधायक कराडी सांगन्ना भी पार्टी छोड़ने को तैयार
भाजपा के इन दोनों नेताओं के अलावा कोप्पल से दो बार के भाजपा विधायक कराडी सांगन्ना भी लोकसभा का टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं क्योंकि पार्टी ने उनकी दावेदारी को दरकिनार करते हुए डॉक्टर बसवराज क्यावतर को मैदान में उतारने का फैसला किया है। संगन्ना ने भी पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा कि वह भी कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
संगन्ना ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं अभी फैसला नहीं करूंगा। हमारी पार्टी के नेताओं के साथ गुरुवार को बैठक है। हमारे नेता जो भी सुझाव देंगे, मैं उसके साथ चलूंगा, चाहे पार्टी में रहना हो या कांग्रेस में शामिल होना हो।’
पूर्व मंत्री जेसी मधुस्वामी ने येदियुरप्पा को कोसा
बीजेपी ने तुमकुरु से वी. सोमन्ना को मैदान में उतारा है, जिसके कारण कर्नाटक के पूर्व मंत्री जेसी मधुस्वामी भी नाराज हो गए हैं और उन्होंने पार्टी के सामने अपनी नाराजगी जाहिर भी कर दी है। मधुस्वामी ने कहा, ‘मुझे दुख है कि येदियुरप्पा मेरे लिए खड़े नहीं हुए और मेरी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं किया। अब मैं सोच रहा हूं कि इस पार्टी में रहना चाहिए या नहीं, जब यहां कोई सुरक्षा नहीं है। मैं अपने कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा करूंगा कि आगे क्या करना है।’
मधुस्वामी ने आगे कहा, ‘जब सार्वजनिक जीवन में नेताओं के बीच भ्रम की स्थिति होती है, तो केवल लोग ही बेहतर निर्णय ले सकते हैं। मैं एक बैठक बुलाऊंगा और लोगों से पूछूंगा कि आगे क्या करना है।’ उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि वह सोमन्ना के लिए प्रचार का काम नहीं करेंगे। कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के लिए दो चरणों, 26 अप्रैल और 7 मई को मतदान होगा।