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बांग्‍लादेशी सेना के रिटायर जनरल ने उगला जहर – ‘भारत के टुकड़े हो जाएंगे, तभी बांग्‍लादेश में आएगी शांति’

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ढाका, 3 दिसम्बर। बांग्‍लादेश की सेना के एक रिटायर जनरल अब्‍दुलाहिल अमान आजमी ने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्‍लादेश में तब तक पूरी तरह से शांति नहीं आएगी, जब तक कि भारत कई टुकड़ों में बंट नहीं जाता।

जमात-ए- इस्‍लामी के पूर्व चीफ गुलाम आजम के बेटे हैं आजमी

आजमी बांग्‍लादेश की कट्टरपंथी इस्‍लामिक पार्टी जमात-ए- इस्‍लामी के पूर्व चीफ गुलाम आजम के बेटे हैं। उन्हें युद्धपराधी दोषी पाया गया था। वह वर्ष 1971 के आजादी युद्ध के दौरान हिन्दुओं और स्‍वतंत्रता समर्थक बंगालियों के नरसंहार के लिए जिम्‍मेदार हैं।

भारत पर वर्ष 1975 से 1996 के बीच चटगांव हिल्‍स इलाके में अशांति भड़काने का लगाया आरोप

ढाका प्रेस क्‍लब में एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान आजमी ने भारत के खिलाफ यह जहर उगला। आजमी के इस बयान पर भारत में सोशल मीडिया में लोग भड़क उठे हैं। आजमी ने दावा किया कि भारत हमेशा से बांग्‍लादेश में अशांति को जिंदा रखना चाहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने वर्ष 1975 से 1996 के बीच चटगांव हिल्‍स इलाके में अशांति भड़काई, जिसमें बांग्‍लादेश के दक्षिणी पूर्वी चटगांव जिले के भारत से लगे तीन जिले शामिल हैं।

आजमी ने दावा किया, ‘शेख मुजीबुर रहमान सरकार के दौरान परबात्‍या चातोग्राम जन समहाती समिति का गठन किया गया था। इसकी हथियारबंद शाखा शांति वाहिनी है। भारत ने इसको शरण दी और हथियार मुहैया करने के साथ ट्रेनिंग दी। इसकी वजह से बांग्‍लादेश के पहाड़ी इलाके में 1975 से लेकर 1996 के बीच खून खराबा हुआ।’

पूर्व जनरल ने चटगांव हिल शांति समझौते की आलोचना की

बांग्‍लादेशी सेना के पूर्व जनरल ने चटगांव हिल शांति समझौते की आलोचना की, जिस पर साल 1997 में हस्‍ताक्षर हुआ था। आजमी ने कहा कि शांति वाहिनी का हथियार सरेंडर करना केवल दिखावे के लिए था। इस शांति समझौते पर दो दिसम्बर, 1997 को ढाका में हस्‍ताक्षर हुआ था। यह बांग्‍लादेश सरकार और परबात्‍या चातोग्राम जन समहाती समिति के बीच हुआ था। कुल मिलाकर देखें तो आजमी बांग्‍लादेश के अंदर बहुत ही विवादित शख्सियत हैं। वह अक्‍सर सोशल मीडिया पर भारत और उसकी क्षेत्रीय भूराजनीति की आलोचना करते रहते हैं।

मोहम्‍मद युनूस के कार्यकाल में मजबूत हुई जमात

आजमी ने भारत के खिलाफ यह बयान ऐसे समय पर दिया है, जब दोनों देशों के बीच रिश्‍ते रसातल में चल रहे हैं और मोहम्‍मद युनूस सरकार एक के बाद एक भारत विरोधी कदम उठा रही है। युनूस पाकिस्‍तान के साथ रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। वहीं जमात-ए-इस्‍लामी लगातार ताकतवर हो रही है। उसे तुर्की तथा पाकिस्‍तान का खुलकर समर्थन मिल रहा है। युनूस सरकार लगातार भारत से शेख हसीना को प्रत्‍यर्पित करने की मांग कर रही है, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया है। बांग्‍लादेश भारत से लगते इलाके में ड्रोन से निगरानी कर रहा है और सैन्‍य अड्डे को आधुनिक बना रहा है।

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