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एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आएंगे, पूर्वाह्न 8 बजे शुरू होगी मतगणना

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नई दिल्ली, 3 दिसम्बर। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना रविवार को होगी और दोपहर बाद तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि सत्ता किसे मिलती है। वहीं मिजोरम में रविवार की बजाय सोमवार को मतगणना होगी। देश में आम चुनाव में अब छह महीने से भी कम समय बचा है और ऐसे में इन राज्यों के विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है।

3 राज्यों में कांग्रेस-भाजपा की सीधी टक्कर, तेलंगाना में BRS की हैट्रिक पर निगाहें

कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता में है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ है। इन तीनों राज्यों में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है जबकि के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तेलंगाना में ‘हैट्रिक’ लगाने की उम्मीद कर रही है।

ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ (चुनाव बाद सर्वेक्षण) में मध्य प्रदेश में भाजपा को आगे बताया गया है और राजस्थान में कांटे के मुकाबले की संभावना व्यक्त की गई है जबकि तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया। मध्य प्रदेश की 230, छत्तीसगढ़ की 90, तेलंगाना की 119 और राजस्थान की 199 सीटों के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्वाह्न आठ बजे मतगणना शुरू होगी। राजस्थान में एक विधानसभा सीट पर उम्मीदवार की मृत्यु होने के कारण चुनाव टाल दिया गया था।

 

मतगणना के सारे इंतजाम पूर्ण

निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि मतगणना के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है और केवल वैध पास रखने वाले लोगों को ही मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। मई में कर्नाटक में भाजपा को सत्ता से हटाने के बाद कांग्रेस की नजर मध्य प्रदेश और तेलंगाना में जीत पर है और वह राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद कर रही है।

प्रभावशाली प्रदर्शन से I.N.D.I.A. में मजबूत होगी कांग्रेस की स्थिति

इन चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन से विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) में कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए I.N.D.I.A. का गठन किया गया है।

गुजरात की जीत की लय मध्य प्रदेश में दोहराने के लिए प्रयासरत भाजपा

वहीं भाजपा गुजरात की जीत की लय को मध्य प्रदेश में दोहराने की कोशिश कर रही है। गुजरात में भाजपा 1998 से शासन कर रही है। मध्य प्रदेश में चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फिर से अपनी सरकार बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी जीत हासिल करने की उम्मीद कर रही है और वह लोकसभा चुनाव से पहले हिन्दी भाषी राज्यों में अपनी पकड़ फिर से हासिल करना चाहती है।

प्रतिद्वंद्वी दलों के नेता कर रहे अपनी-अपनी जीत के दावे

फिलहाल प्रतिद्वंद्वी दलों के नेता अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को विश्वास जताया कि राजस्थान में भाजपा को बहुमत मिलेगा। ठाकुर ने जयपुर में कहा, ‘कांग्रेस का चेहरा बेनकाब हो चुका है। कल केवल नतीजे आने बाकी हैं। जनता जो एक अच्छी सरकार चाहती थी वह भाजपा सरकार बनाएगी।’ वहीं कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि पार्टी चारों राज्यों में जीत हासिल करेगी। मतगणना की पूर्व संध्या पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि हम (कांग्रेस) राजस्थान सहित चार राज्यों में सरकार बनाएंगे और मिजोरम में एक संयुक्त सरकार बनाई जाएगी।’

उम्मीदवारों को रिसॉर्ट और होटल में ठहराने की खबरों का कांग्रेस ने किया खंडन

इस बीच कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें दावा किया गया है कि उन्हें पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीत की संभावना वाले कांग्रेस उम्मीदवारों को कर्नाटक के विभिन्न रिसॉर्ट और होटल में ठहराने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। शिवकुमार उन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस आलाकमान ने उनसे ‘खरीद-फरोख्त’ को रोकने के लिए अगस्त, 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात के 44 विधायकों के लिए की गई व्यवस्था की तरह फिर से प्रबंध करने के लिए कहा है।

शिवकुमार ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘किसी ने न तो मुझे कोई जिम्मेदारी दी और न ही मुझे कॉल किया। मुझे विश्वास है कि हम सभी राज्यों में जीत हासिल करेंगे।’ हालांकि तेलंगाना में कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बीआरएस उनके उम्मीदवारों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।

मध्य प्रदेश में मतगणना के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम

अधिकारियों ने बताया सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना रविवार को पूर्वाह्न आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच 52 जिला मुख्यालयों पर शुरू होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ जैसे राजनीतिक दिग्गजों सहित 2,533 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। चौहान ने दावा किया कि उनकी पार्टी ‘भारी बहुमत’ के साथ सत्ता बरकरार रखेगी जबकि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि उन्हें राज्य के मतदाताओं पर पूरा भरोसा है।

राज्य की 230 सीटों में से 47 अनुसूचित जनजाति के लिए और 35 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। मुख्यमंत्री चौहान (बुधनी सीट से) और कमल नाथ (छिंदवाड़ा) के अलावा तीन केंद्रीय मंत्री – नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा है। इंदौर-1 से चुनाव लड़ने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा के तीन लोकसभा सदस्यों – राकेश सिंह, गणेश सिंह और रीति पाठक की चुनावी किस्मत का भी फैसला होगा। राज्य में 17 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव कराए गए थे।

राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस ने किया जीत का दावा

राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में 1800 से अधिक उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच माना जा रहा है। बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से इस राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है… एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्त ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए मतगणना केंद्रों पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। तीन दिसम्बर को पूर्वाह्न आठ बजे से सभी केंद्रों पर मतपत्र और 8.30 बजे से ईवीएम के जरिए डाले गए मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। राज्य की 200 में से 199 विधानसभा सीट पर 25 नवम्बर को मतदान हुआ था। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता बरकरार रहने के आसार

छत्तीसगढ़ में ज्यादातर सीटों पर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। राज्य में कांग्रेस सत्ता में वापसी करने का दावा कर रही है। पार्टी को विश्वास है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पार्टी ने किसान, आदिवासी, और गरीबों के लिए काम किया है, जिसके दम पर एक बार फिर यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी। राज्य में चुनाव और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बताया, ‘राज्य के सभी 33 जिलों, खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’

राज्य विधानसभा की 90 सीटों के लिए सात और 17 नवम्बर को दो चरणों में मतदान हुआ था। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘सभी 90 सीटों के लिए 33 जिला मुख्यालयों में पूर्वाह्न आठ बजे वोटों की गिनती शुरू होगी, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।’

उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र पर तीन स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रमन सिंह समेत कुल 1,181 उम्मीदवारों का फैसला होगा। मुख्यमंत्री बघेल के प्रतिनिधित्व वाली पाटन सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री के दूर के भतीजे और पार्टी सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी भी मैदान में हैं। उप मुख्यमंत्री टी. एस. सिंह देव ने कहा, ‘हमने अपना आकलन किया है और हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।’

तेलंगाना में कांग्रेस-BRS में सीधी टक्कर

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव, उनके बेटे और सरकार में मंत्री केटी रामा राव, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए. रेवनाथ रेड्डी और भाजपा के लोकसभा सदस्य बंडी संजय कुमार, डी. अरविंद और सोयम बापू राव शामिल हैं।

बीआरएस ने राज्य की सभी 119 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चुनाव पूर्व समझौते के तहत भाजपा और जनसेना ने क्रमश: 111 और आठ सीटों पर चुनाव लड़ा है। वहीं, कांग्रेस ने अपनी सहयोगी पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को एक सीट दी। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में थी।

केसीआर (चंद्रशेखर राव) दो विधानसभा क्षेत्रों-गजवेल व कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि रेवंत रेड्डी-कोडंगल और कामारेड्डी से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने अपने विधायक एटाला राजेंदर को हुजूराबाद के अलावा गजवेल से भी मैदान में उतारा, जहां से वह मौजूदा विधायक भी हैं। तेलंगाना में 30 नवम्बर को हुए चुनाव में कुल 3.26 करोड़ मतदाताओं में से 71.34 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ था।