नई दिल्ली, 29 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी स्थित विजय चौक पर शनिवार की शाम ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ ही सप्ताहपर्यन्त आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया। सेरेमनी में सेनाओं के बैंड्स की धुनों ने देखने वालों के रोम रोम में देशभक्ति का भाव भर दिया।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत इस बार का यह समारोह भी अपने आप में ऐतिहासिक रहा। दरअसल, पहली बार एक हजार मेड इन इंडिया ड्रोन्स आकाश में जगमगाते हुए दिखाई दिए। इसके साथ लेजर प्रोजेक्शन के माध्यम से भारतीय स्वंतत्रता संग्राम की यात्रा को बताया गया। इन सभी ड्रोन को सॉफ्टवेयर जैसे फ्लाइट कंट्रोलर, जीपीएस, मोटर नियंत्रक, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) एल्गोरिदम जैसी तकनीकि चीजों से लैस किया गया है।
दरअसल, बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा होता है। गणतंत्र दिवस समारोह एक दिन का नहीं, बल्कि पांच दिनों का होता रहा है। लेकिन इस बार इसकी शुरुआत गत 23 जनवरी यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दिन ही हो गई थी। समारोह के अंतिम दिन बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन होता है।
भारत में 1950 में हुई थी बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत
भारत में बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत सन् 1950 से हुई थी। इसका असली नाम ‘वॉच सेटिंग’ है और यह सूर्य डूबने के समय मनाया जाता है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है।