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वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को राहत, सर्वोच्च न्यायालय ने रद किया राजद्रोह का मामला

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नई दिल्ली, 3 जून। सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को एक राहत प्रदान करते हुए उनके खिलाफ हिमाचल प्रदेश में दर्ज राजद्रोह का एक मामला रद कर दिया। दुआ के यूट्यूब चैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणियों के लिए शिमला में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दुआ ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद करने के लिए पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

शीर्ष अदालत ने कहा – हर पत्रकार की रक्षा की जाएगी

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उदय उमेश ललित व जस्टिस विनीत शरण की खंड पीठ ने गुरुवार को इस मामले में फैसला सुनाया। हालांकि खंड पीठ ने दुआ की अपील पर गत वर्ष छह अक्टूबर को ही अपना फैसला सुरक्षित रखा था। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में प्राथमिकी और कार्यवाही को रद करते हुए कहा, ‘केदार नाथ सिंह के फैसले के अनुसार हर पत्रकार की रक्षा की जाएगी।’

दुआ का दूसरा आवेदन खारिज

सर्वोच्च न्यायालय ने हालांकि विनोद दुआ का दूसरा आवेदन खारिज कर दिया, जिसमें 10 वर्ष या उससे अधिक समय से लंबित पत्रकारों के खिलाफ लगाए गए राजद्रोह के आरोपों की जांच के लिए प्रत्येक राज्य में एक हाई लेवल समिति गठित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।

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