नई दिल्ली, 2 जनवरी। माफिया मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिली, जब शीर्ष अदालत ने मुख्तार अंसारी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली सात वर्षों की सजा पर अंतरिम रोक लगा दी। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जेलर को धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी को यह सजा सुनाई थी।
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर आरोप है कि 2003 में उन्होंने जेलर को जान से मारने की धमकी दी थी। निचली अदालत ने मुख्तार को इस आरोप से बरी कर दिया था। लेकिन हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सात वर्षों की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट से मिली सजा के खिलाफ मुख्तार अंसारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर स्टे के साथ ही फाइनल सुनवाई के लिए फाइल तलब की है। इसमें राज्य सरकार को भी काउंटर देने का समय दिया गया है।
वर्ष 2003 में जेलर ने लखनऊ में मुख्तार के खिलाफ दर्ज कराई थी रिपोर्ट
गौरतलब है कि वर्ष 2003 में तत्कालीन जेलर एस.के. अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसके साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने पिस्तौल भी तान दी थी।
इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुए बीते वर्ष 21 सितम्बर को मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए सात वर्षों कारावास की सजा सुनाई थी।