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किसानों को राहत : केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों पर बढ़ाई एमएसपी

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नई दिल्ली, 10 जून। केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए खरीफ की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)  में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को फायदे का सौदा बनाने के निर्णय लिए जा रहे हैं।

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,940 रुपये प्रति क्विंटल

नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि धान की एमएसपी में 72 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। इसके बाद 1,868 रुपये प्रति क्विंटल से धान अब 1,940 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इसके साथ ही बाजरा पर एमएसपी बढ़ाकर 2,150 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2250 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। उन्होंने कहा कि विगत सात वर्षों में किसानों के पक्ष में बड़े निर्णय हुए हैं ताकि उनकी आमदनी बढ़ सके और उनमें खुशहाली आ सके।

दलहन व तिलहन का रकबा बढ़ाने पर काम जारी

तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार दलहन और तिलहन का रकबा बढ़ाने पर काम कर रही है। देश कृषि उत्पादों के लिए आयात पर निर्भरता से मुक्त होने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा धान और बाजरे की भांति तुअर 6,300  प्रति क्विंटल है। यानी इसकी एमएसपी में 62 फीसदी वृद्धि है। उड़द  6,300 प्रति क्विंटल है, जिसमें 65 प्रतिशत वृद्धि है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसपी लगातार चालू है बल्कि बढ़ भी रही है, किसी को कोई भ्रम रखने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा पिछले दिनों सबकी चिंता थी कि डीएपी खाद आयात होती है। फिर अचानक अंतरराष्ट्रीय मूल्य बढ़ने के बाद सब्सिडी बढ़ाई गई, जिससे 15 हजार करोड़ रुपये का बोझ सरकार पर आया।

आंदोलनकारी किसान जब चाहें, सरकार चर्चा के लिए तैयार

तोमर ने फिर दोहराया कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमा पर आंदोलनरत किसानों से सरकार सदैव बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ है, जो निर्णय हुए हैं, वे अभूतपूर्व हैं। कृषि कानून लाने की हिम्मत किसी पार्टी की नहीं थी, लेकिन मोदी सरकार लाई। सरकार किसानों का सम्मान करती है और इसलिए पिछले कुछ महीनों में 11 बार किसानों से वार्ता हुई। जब किसान चाहें, भारत सरकार चर्चा के लिए तैयार है।

रेलवे को 4जी के 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का आवंटन

इस बीच मोदी कैबिनेट ने संचार और सिग्नलिंग सिस्टम में सुधार के लिए भारतीय रेलवे को 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन करने का फैसला भी किया। पहले 2जी होता था। अब 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के आवंटन को मंजूरी दी गई है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इससे रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी। करीब 25,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को अगले पांच वर्षों में पूरा किया जाएगा।

रेलवे अभी अपने संचार नेटवर्क के लिए ऑप्टिकल फाइबर पर निर्भर है, लेकिन नए स्पेक्ट्रम के आवंटित होने के बाद वह तेज रफ्तार वाले रेडियो का उपयोग कर सकेगी। जावड़ेकर ने कहा कि इस आवंटन से रेलवे के संचार और सिग्नलिंग नेटवर्क दोनों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

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