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डब्ल्यूएफआई विवाद : बृजभूषण शरण सिंह को राहत, राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली, 18 जुलाई। महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। अदालत ने मामले के एक अन्य आरोपित विनोद तोमर को भी अंतरिम जमानत दे दी।

बृजभूषण व विनोद तोमर की नियमित जमानत पर 20 जुलाई को होगी सुनवाई

बृजभूषण शरण और विनोद तोमर की नियमित जमानत पर सुनवाई 20 जुलाई को होगी। सुनवाई की अगली तारीख तक उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई है। अदालत ने दोनों आरोपितों को 25,000 रुपये के जमानत बांड पर अंतरिम जमानत दी। दिल्ली पुलिस ने 15 जून को बृज भूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।

विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव के अनुसार आरोप पत्र आईपीसी की धारा 354, 354डी, 345ए और 506 (1) के तहत दायर किया गया था। पहलवानों की शिकायत के आधार पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थी।

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के अलावा कई अन्य पहलवानों ने भी मोर्चा खोला था। जंतर-मंतर पर चले लंबे धरने के बाद पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी, जिसमें पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, वे गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं।

गौरलब है कि बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर कराने के लिए पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। बृजभूषण शरण के खिलाफ महिला पहलवानों के आरोपों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

पुलिस में दर्ज शिकायत में कुछ महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण से विभिन्न कालखण्ड में महिला खिलाड़ियों को अशोभनीय तरीके से छुआ और कुछ खिलाड़ियो को अशोभनीय तरीके से पकड़ा था। बृजभूषण शरण पर लगाए गए आरोप अदालत में साबित हो जाने पर उन्हें तीन साल तक की सजा हो सकती है। मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया है कि डिजिटल डिवाइस की फोरेंसिक रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है, सीडीआर का विश्लेषण बाकी है।

 

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