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द्वारका एक्सप्रेसवे का वीडियो जारी कर नितिन गडकरी बोले – यह इंजीनियरिंग का चमत्कार

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नई दिल्ली, 21 अगस्त। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने द्वारका एक्सप्रेसवे का वीडियो सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी करते हुए इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार करार दिया। तीन मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो में द्वारका एक्सप्रेसवे के ओवर ब्रिज, टनल्स और अंडरपासेज को दिखाया गया है। यह एक्सप्रेस वे दिल्ली को हरियाणा से जोड़ता है। यह देश का पहला एलिवेटेड एक्सप्रेस वे है।

1000 से ज्यादा पेड़ों को एक से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया

वीडियो में बताया गया है कि चार पैकेज वाले इस राजमार्ग की कुल लेन लंबाई 563 किमी है। एनएच-8 पर शिवमूर्ति से शुरू होती यह सड़क खेत की दौला टोल प्लाजा पर खत्म होती है। इस परियोजना के निर्माण में पहली बार 1000 से ज्यादा पेड़ों को एक से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है।

एफिल टावर से 30 गुना ज्यादा स्टील व बुजुर्ग खलीफा से 6 गुना ज्यादा सीमेंट की खपत

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया है। ये एफिल टॉवर के निर्माण में लगे स्टील से 30 गुना ज्यादा है। इसमें 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है, जो बुर्ज खलीफा के निर्माण में लगे सीमेंट से छह गुना ज्यादा है।

कैग की रिपोर्ट में अनियमितता के उल्लेख से एक्सप्रेसवे विवादों के घेरे में

हालांकि यह एक्सप्रेसवे विवादों में भी है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण में वित्तीय अनियमितता का जिक्र किया गया है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्सप्रेसवे बनाने पर 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च की मंजूरी दी गई जबकि प्रति किलोमीटर एक्सप्रेसवे बनाने पर 251 करोड़ खर्च हो रहे हैं। इसके बाद से ही सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय विपक्ष के निशाने पर है।

कैग रिपोर्ट को खारिज कर चुके हैं गडकरी

फिलहाल नितिन गडकरी ने हाल ही में एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में कैग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था, ‘द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में कोई घोटाला नहीं हुआ बल्कि इसमें हमने सूझबूझ से 12 फीसदी पैसे बचाए हैं। इस रिपोर्ट का आकलन सही नहीं है।’

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