नई दिल्ली, 12 जून। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच पानी के बढ़ते संकट को लेकर दाखिल दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की और पानी टैंकर माफिया पर काररवाई को लेकर दिल्ली सरकार से सवाल पूछा। शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर गुरुवार को फिर सुनवाई करेगी।
शीर्ष अदालत गुरुवार को फिर करेगी सुनवाई
दरअसल सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें हिमाचल प्रदेश से राष्ट्रीय राजधानी को पानी की आपूर्ति की सुविधा देने के लिए हरियाणा राज्य को निर्देश देने की मांग की गई है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सात जून से हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सोमवार (10 जून) को सुनवाई हुई। उस दिन भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को याचिका में खामियों को दूर न करने पर फटकार लगाई थी।
त्रुटिपूर्ण याचिका पर दिल्ली सरकार को फटकार
वस्तुतः हरियाणा, हिमाचल और उत्तर प्रदेश से अतिरिक्त पानी छोड़ने के निर्देश देने के लिए दाखिल दिल्ली सरकार की याचिका में कुछ कमियां थीं, जिसके कारण अलग-अलग पक्ष द्वारा लगाए गए दस्तावेज स्वीकार नहीं हो पा रहे थे। इस पर जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की वैकेशन बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा कि पिछली सुनवाई में बताया गया था फिर भी आपने गलतियों को ठीक नहीं किया।
पानी टैंकर माफिया के खिलाफ अब दिल्ली पुलिस करेगी काररवाई
सुप्रीम कोर्ट ने आज टैंकर माफिया पर सवाल उठाए। उसने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या पानी टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कदम उठाया गया है या काररवाई की गई है? सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, ‘अगर आप टैंकर माफिया के खिलाफ कोई काररवाई नहीं कर रहे हैं तो हम दिल्ली पुलिस से उनके खिलाफ काररवाई करने को कहेंगे।’ इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा, ‘हमने कदम उठाए हैं और यदि पुलिस भी एक्शन ले तो हमें खुशी होगी।’
वहीं दिल्ली जल बोर्ड और पानी टैंकर माफिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पर दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘हमने पुलिस में शिकायत दर्ज की है कि मुनक नहर से ककोरी के बीच में पानी की चोरी टैंकर माफिया द्वारा की जा रही है। हमने पुलिस को साक्ष्य भी दिए हैं और बताया है कि जब से अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली में आई है, तब से टैंकर माफिया बढ़ा है, अब पुलिस अपना काम करेगी। मुझे लगता है कि इस पर जल्द काररवाई होगी।’
दूसरी ओर इसे लेकर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘यह दुखद है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के आपसी राजनीतिक झगड़ों का भुगतान आम जनता को भुगतना पड़ रहा है और इन सब में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में पानी की किल्लत के बीच कुछ इलाकों में टैंकरों के जरिए लोगों को पानी की आपूर्ति की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली जल संकट पर अब गुरुवार सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने इसी क्रम में पानी की बर्बादी रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में दिल्ली सरकार को आज शाम तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।