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महाकाल की नगरी में शिप्रा तट पर टूटा अयोध्या का रिकॉर्ड, फैली 18 लाख 82 हजार 229 दीयों की रोशनी

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उज्जैन, 18 फरवरी। गत वर्ष दीपावली पर अयोध्या में 15 लाख 76 हजार दीये एक साथ जलाए जाने का विश्व रिकॉर्ड शनिवार को महाशिवरात्रि पर ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी अवंतिका यानी उज्जैन में टूट गया। पवित्र मोक्षदायिनी शिप्रा नदी का तट हूटर बजते ही जब 18 लाख 82 हजार 229 दीयों की रोशनी से जगमगाया तो लोग इस भव्य, अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय कल्पनातीत सौंदर्य को पलक झपकाए बगैर निहारते ही रह गए।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने ड्रोन से दीयों की गिनती के बाद इतनी संख्या में दीयों के एक साथ प्रज्वलित किए जाने का विश्व रिकॉर्ड बनने की घोषणा की। इस दौरान संपूर्ण रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, सुनहरी घाट, भूखी माता घाट, केदारेश्वर घाट ‘जय श्री महाकाल’ के उद्घोष से गूंज उठा। इस बीच आतिशबाजी, लेजर शो भी हुआ। विश्व कीर्तिमान संबंधी प्रमाण पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिया गया।

शिव ज्योति अर्पणम्में दिखी एक भारत, श्रेष्ठ भारतकी झलक

‘शिव ज्योति अर्पणम्’ नाम से हुए इस भव्य दीपोत्सव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की झलक दिखाई दी। आस्था, आह्लाद और आत्मीयता से भरे इस सुखद पल के साक्षी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित एक लाख से अधिक लोग बने। सीएम ने पत्नी साधना सिंह के साथ दीये प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। वे नौका विहार कर लोगों के पास भी गए। सभी ने एक-दूसरे को दीपोत्सव की शुभकामनाएं दीं। विश्वभर के लोगों को धार्मिक पर्यटन स्थल ‘उज्जैन’ आने का निमंत्रण दिया।

इधर, मुख्यमंत्री के आग्रह पर शिप्रा तट के अलावा पूरे उज्जैन के हर मंदिर, छोटी-बड़ी गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक दीये प्रज्वलित किए गए। प्रतिष्ठानों पर आकर्षक लाइटिंग की गई। कार्यक्रम के लिए तैयार गीत – महाशिवरात्रि का शुभ दिन है, उज्जयिनी देखो आज मगन है, जय गौरी शंकर, मिलकर मनाएं शिव ज्योति अर्पण…गाया गया।

जनभागीदारी का ऐसा उदाहरण मुश्किल

कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, ‘महाकाल की नगरी में आज सब कुछ आलोकित है। आज से विक्रमोत्सव का भी शुभारंभ हो गया है। यह वर्ष प्रतिपदा तक चलेगा। महाकाल महाराज की कृपा बरस रही है। जनभागीदारी का ऐसा उदाहरण मुश्किल है। सभी का स्वागत होना चाहिए। शिप्रा मैया के तट पर खड़े रहकर कह रहा हूं, शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। हमें मप्र और उज्जैन को नंबर एक बनाना है।’

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