नई दिल्ली, 4 सितम्बर। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अगस्त, 2025 में 221 करोड़ से अधिक आधार ऑथेंटिकेशन लेन-देन दर्ज किए। यह संख्या न केवल पिछले माह (जुलाई) से अधिक रही बल्कि अगस्त, 2024 की तुलना में भी 10.3 प्रतिशत अधिक रही। यह आंकड़ा देश में आधार के बढ़ते उपयोग, डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार और कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावी डिलीवरी का संकेत देता है।
फेस ऑथेंटिकेशन में तेजी
इसके अलावा अगस्त, 2025 में 18.6 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेन-देन भी हुए जबकि अगस्त, 2024 में यह संख्या 6.04 करोड़ थी। अब तक कुल 213 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेन-देन पूरे हो चुके हैं। एक सितम्बर, 2025 को UIDAI ने एक ही दिन में अब तक के सबसे अधिक 1.5 करोड़ फेस ऑथेंटिकेशन लेन-देन दर्ज किए। इससे पहले एक अगस्त, 2025 को 1.28 करोड़ का रिकॉर्ड बना था।
वहीं अब एआई आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। इससे लोग सिर्फ चेहरे की स्कैनिंग से अपनी पहचान सत्यापित कर सकते हैं। यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को आसानी के साथ-साथ मजबूत सुरक्षा भी प्रदान करती है। 150 से अधिक सरकारी मंत्रालय और विभाग, वित्तीय संस्थान, तेल विपणन कम्पनियां और टेलीकॉम सेवा प्रदाता आधार फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके माध्यम से लाभ और सेवाओं की डिलीवरी को सरल और तेज बनाया जा रहा है।
पिछले माह 38.53 करोड़ ई-केवाईसी लेन-देन पूरे हुए
अगस्त, 2025 में 38.53 करोड़ ई-केवाईसी लेन-देन पूरे हुए। आधार आधारित ई-केवाईसी सेवा बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में ग्राहक अनुभव सुधारने और कारोबार सुगम बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। इस बढ़ते उपयोग से साफ है कि आधार केवल पहचान का साधन ही नहीं, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था और सुशासन का मजबूत आधार बन चुका है।

