नई दिल्ली, 12 मई। देश में कोरोना से लड़ाई के बीच एक अच्छी खबर आई, जब केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषयक विशेषज्ञ समिति ने 2-18 वर्ष आयु वर्ग के लिए भारत बायोटेक की कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण की संस्तुति कर दी। यदि ये ट्रायल सफल रहे तो देश में जल्द ही 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जा सकेगी। अभी 18 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हैदाराबाद स्थित कम्पनी ने बच्चों की वैक्सीन के ट्रायल के लिए आवेदन किया था, जिसपर मंगलवार को विचार-विमर्श के बाद विशेषज्ञ समिति ने इसकी संस्तुति की। कम्पनी ने अपने आवेदन में कोवैक्सीन टीके की 2-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया था। कम्पनी के अनुसार यह ट्रायल दिल्ली एवं पटना के एम्स और नागपुर स्थित मेडिट्रिना मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट समेत विभिन्न स्थानों पर किया जाएगा।
इससे पहले अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस आशय की रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि कोवैक्सिन रूप बदलने वाले कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने का काम करती है। कुछ दिनों पहले, तीसरे ट्रायल के नतीजे घोषित करते हुए आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने भी कहा था कि सामान्य कोरोना मरीजों पर कोवैक्सिन टीका 78 फीसदी तक असरदार है।
इस बीच भारत बायोटेक ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी है कि उसने देश के तमाम राज्यों को कोवैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी है। कोवैक्सीन पा रहे राज्यों में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।