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बेंगलुरु भगदड़ पर नया खुलासा – RCB ने बिना इजाजत रखी विक्ट्री परेड, स्टेडियम में फ्री एंट्री का भी किया एलान

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बेंगलुरु, 5 जून। कर्नाटक सरकार व बेंगलुरु सिटी पुलिस बुधवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम परिसर में हुए हादसे के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) प्रबंधन को ही जिम्मेदार ठहरा रही हैं। उनका कहना है कि आरसीबी ने स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बिना विक्ट्री परेड रखी थी, जिसे बाद में रद कर दिया गया था। यही नहीं वरन बेंगलुरु सिटी पुलिस ने आईपीएल-18 में आरसीबी की ऐतिहासिक खिताबी जीत के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित समारोह को कुछ दिन टालने का अनुरोध किया था, जिसे आरसीबी प्रबंधन ने खारिज कर दिया।

स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई थी

गौरतलब है कि बुधवार को आरसीबी की जीत का जश्न कई परिवारों के लिए मातम में बदल गया। कप्तान रजत पाटीदार व विराट कोहली समेत टीम के खिलाड़ी ट्रॉफी लेकर बेंगलुरु पहुंचे, जहां चार जून की शाम एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में आनन-फानन में जश्न का आयोजन कर दिया गया। अव्यवस्थित तरीके से हुए इस आयोजन के दौरान स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 11 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब एक बड़ा खुलासा हुआ है कि पुलिस ने आरसीबी मैनेजमेंट से आयोजन को स्थगित करने का अनुरोध किया था।

पुलिस की अनुमति नहीं मिलने से रद की गई थी विक्ट्री परेड

आरसीबी ने तीन जून को अहमदाबाद में आईपीएल का अपना पहला खिताब जीता था। बुधवार को खबर आई कि आरसीबी की टीम बेंगलुरु में एक विक्ट्री परेड निकालेगी। सुबह से ही सड़कों पर भीड़ उमड़ने लगी। इस बीच पुलिस ने विक्ट्री परेड की परमिशन नहीं दी और ये रद हो गई।

पुलिस चाहती थी कि आरसीबी रविवार को समारोह का आयोजन करे

पुलिस ने उसके बाद एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए उस जश्न को भी स्थगित करने का अनुरोध किया था। उसका मानना था कि अभी फैंस में बहुत उत्साह है क्योंकि एक दिन पहले ही टीम ने ट्रॉफी जीती है। पुलिस चाहती थी कि आरसीबी ये प्रोग्राम रविवार को आयोजित करे। लेकिन आरसीबी ने पुलिस की अनदेखी कर चार जून को ही समारोह कर दिया। डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार इसके पीछे आरसीबी का तर्क था कि तब तक उसकी टीम के विदेशी खिलाड़ी अपने देश लौट जाएंगे।

आरसीबी ने विदेश खिलाड़ियों के स्वदेश लौट जाने का तर्क दिया

रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया, ‘हमने सरकार के साथ आरसीबी फ्रेंचाइजी को भी समझाने की कोशिश की थी कि इस आयोजन को टाला जाए। हमने उन्हें सलाह दी थी कि ये प्रोग्राम रविवार को आयोजित किया जाए, जब फैंस की भावनाएं थोड़ी शांत हो जाएगी। हमने उनसे ये भी कहा कि कोई जुलूस न निकालकर एक जगह पर व्यवस्थित तरीके से इस प्रोग्राम का आयोजन किया जाए। खिलाड़ियों को स्टेडियम में लाएं और वहीं पर पूरा प्रोग्राम किया जाए।’

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आरसीबी प्रबंधन का तर्क था कि उनके खिलाड़ी, खासकर विदेशी प्लेयर्स तब तक भारत में नहीं रुकेंगे। स्वाभाविक रूप से सरकार भी इसका फायदा उठाना चाहेगी। यदि सरकार मना कर देती तो भी अराजकता पैदा हो जाती। मंगलवार को सुबह 5.30 बजे से कांस्टेबल से लेकर कमिश्नर तक सड़कों पर थे और पूरी तरह थक चुके थे। ये पूरी तरह से पागलपन था, हमने पहले कभी इस तरह का उन्माद नहीं देखा।‘

पुलिस से अनुमति के पहले ही RCB ने विक्ट्री परेड की सूचना जारी कर दी

प्राप्त जानकारी के अनुसार आरसीबी मैनेजमेंट ने कथित तौर पर आईपीएल 2025 के फाइनल से पहले गत तीन जून को बेंगलुरु सिटी पुलिस से संपर्क कर एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में विक्ट्री परेड की इजाजत मांगी थी। सूत्रों ने बताया कि आरसीबी मैनेजमेंट ने पुलिस से अनुमति मिलने के पहले ही अपनी विक्ट्री परेड के बारे में X पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी सार्वजनिक की। आरसीबी के हैंडल से किया गया यह पोस्ट वायरल हो गया और इसे कुछ घंटों में ही 10 लाख से अधिक बार देखा गया।

सूत्रों की मानें तो इसी सोशल मीडिया पोस्ट के बाद स्टेडियम के बाहर भीड़ बढ़ गई और बाद में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए। बेंगलुरु पुलिस ने कथित तौर पर आरसीबी को सूचित किया था कि विक्ट्री परेड के लिए उसकी ओर से कोई अनुमति नहीं दी गई है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने आरसीबी मैनेजमेंट से इसे स्थगित करने और चार जून को विक्ट्री परेड नहीं आयोजित करने के लिए कहा था। हालांकि, 4 जून को आरसीबी के आधिकारिक हैंडल से पुलिस से चर्चा किए बिना ही समय और स्थान के साथ विक्ट्री परेड के बारे में ट्वीट कर दिया गया।

राज्य सरकार ने पुलिस के अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया

सूत्रों के अनुसार, आरसीबी के फ्री एंट्री पास की घोषणा करने के बाद स्थिति और खराब हो गई। इसके बाद पुलिस ने टीम को कम से कम रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया था। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने पुलिस के अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया और आईपीएल विक्ट्री परेड के लिए आरसीबी के चार जून के प्लान के साथ जाने का निर्णय किया।

पुलिस कर्मियों ने सड़कों पर आरसीबी की पहली आईपीएल जीत का जश्न मना रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तीन जून की देर रात तक, कथित तौर पर चार जून की तड़के 4 बजे तक काम किया था। थका देने वाली शिफ्ट को देखते हुए, पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा था कि अगली सुबह एक और हाई प्रेशर वाले इवेंट के लिए फिर से कर्मियों की तैनाती मुश्किल होगी।

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