नई दिल्ली, 18 जनवरी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बावजूद देश की समग्र आर्थिक गतिविधि मजबूत है। रिजर्व बैंक ने अपनी मासिक बुलेटिन में कहा कि उपभोक्ता और व्यवसाय का भरोसा बहाल होने और बैंक ऋण में सुधार के साथ समग्र मांग स्थितियों में लचीलापन बना हुआ है।
आरबीआई ने आपूर्ति पक्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि रबी फसलों की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हुई है। निर्माण और सेवा क्षेत्र की अनेक श्रेणियों में भी विस्तार का रुख है। हाल में ओमिक्रॉन संक्रमण के अत्यधिक फैलाव के अनुमानों के कारण लघु अवधि की व्यापार सम्भावनाएं बेहतर हुई हैं।
शीर्ष बैंक ने कहा कि खाद्य मुद्रा स्फीति और इसमें उतार-चढ़ाव एक चुनौती बना हुआ है और इसके लिए अधिक सार्वजनिक निवेश, भंडारण सुविधा और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने जैसे आपूर्ति पक्ष के हस्तक्षेप जरूरी हैं।
अड़चनों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 12 महीने में रफ्तार पकड़ेगी
महामारी और वैश्विक स्तर पर अड़चनों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 12 महीने में रफ्तार पकड़ेगी। पीडब्ल्यूसी के वार्षिक वैश्विक सीईओ सर्वे में शामिल 99 फीसदी भारतीय सीईओ का मानना है कि अगले 12 महीनों में आर्थिक वृद्धि दर में सुधार होगा। 94 फीसदी मानते हैं कि अगले एक साल में वैश्विक वृद्धि दर भी सुधरेगी। वैश्विक स्तर पर ऐसा मानने वाले 77 फीसदी सीईओ हैं।
गौरतलब है कि पिछले पांच दिनों से कोरोना के दो लाख से ज्यादा नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। हालांकि पिछले दो दिनों के दौरान नए मामलों में लगभग 33 हजार की गिरावट देखने को मिली है, फिर भी देश में 17 लाख से ज्यादा कोविड मरीज हैं, जिनका देश के विभिन्न अस्पतालों या होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है।