Site icon Revoi.in

आरबीआई की बैठक : रेपो दर लगातार 10वीं बार 4% पर कायम, कर्ज की मासिक किस्त में बदलाव नहीं

Social Share

नई दिल्ली, 10 फरवरी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे चार प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही आरबीआई ने मुद्रास्फीति की ऊंची दर के बीच नीतिगत मामले में उदार रुख को बरकरार रखा। यानी हाल-फिलहाल नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना नहीं है।

बजट 2022-23 के बाद एमपीसी की पहली बैठक

यह लगातार 10वां मौका है, जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले 22 मई, 2020 को मांग को गति देने के इरादे से रेपो दर में कमी कर इसे रिकार्ड निचले स्तर पर लाया गया था। गत एक फरवरी को पेश 2022-23 के बजट के बाद एमपीसी की यह पहली बैठक थी।

रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा, ‘एमपीसी ने आम सहमति से रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है।’

नीतिगत दर के मामले में यथासंभव उदार रुख बनाए रखने का निर्णय

शक्तिकांत दास ने कहा, ‘समिति ने आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में रखने को लेकर नीतिगत दर के मामले में जब तक जरूरी हो, उदार रुख बनाये रखने का भी निर्णय किया है।’ केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत और मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

आर्थिक वृद्धि परिदृश्य के बारे में दास ने कहा कि वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 में 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मुख्य रूप से खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसम्बर महीने में बढ़कर पांच महीने के उच्च स्तर 5.59 प्रतिशत हो गई, जो नवंबर में 4.91 प्रतिशत थी।

खुदरा महंगाई दर 2022-23 में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना

शक्तिकांत दास ने कहा कि मानसून सामान्य रहने के अनुमान के साथ खुदरा महंगाई दर 2022-23 में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। एमपीसी को सालाना महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिश पर कायम रखने की जिम्मेदारी दी गयी है।

एमपीसी की अगली बैठक 6-8 अप्रैल को होगी

एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक गत आठ फरवरी को शरू हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और देश तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। एमपीसी की अगली बैठक 6-8 अप्रैल, 2022 को होगी।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा 2021-22 की अहम बातें –