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भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाकर 6.25 फीसदी किया, चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर का अनुमान घटाया

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नई दिल्ली, 7 दिसम्बर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर रेपो में 0.35 फीसदी की और वृद्धि कर दी है। इसके साथ ही रेपो दर बढ़कर 6.25 फीसदी हो गई। आरबीआई ने इसी क्रम में चालू वित्त वर्ष (2022-23) के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।

वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और देश निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता, खाद्य सामग्री की कमी और ईंधन की ऊंची कीमतों से गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। मौद्रिक नीति समिति का नीतिगत दर के मामले में उदार रुख वापस लेने का रुख बरकरार है। भारतीय अर्थव्यवस्था जुझारु बनी हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारत एक उम्मीद की किरण है।

रेपो दर में 0.35 फीसदी वृद्धि का निर्णय बाजार की उम्मीदों के अनुरूप

आरबीआई गवर्नर ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि रेपो दर में 0.35 फीसदी वृद्धि का निर्णय बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है। साथ ही, मुख्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है और मौद्रिक कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति अधिशेष है। कृषि क्षेत्र मजबूत है। रबी की बुवाई सामान्य से 6.8 फीसदी अधिक है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर की अवधि में गैर-खाद्य ऋण बढ़कर 10.6 लाख करोड़ रुपये हुआ। पिछले साल की समान अवधि में यह 1.9 लाख करोड़ रुपये था।

आगामी महीनों में नकदी की स्थिति सुधरेगी

दास ने कहा कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी किया। रिजर्व बैंक आंकड़ों पर गौर करने के बाद उसी के आधार पर नीतिगत कदम उठाएगा। आगामी महीनों में नकदी की स्थिति सुधरेगी। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया, तीसरी तिमाही में इसके 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.9 फीसदी रहने की संभावना है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक

आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक है। दो दिसंबर को यह बढ़कर 551.2 अरब डॉलर हुआ। 21 अक्टूबर को यह 524 अरब डॉलर पर था। उन्होंने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि वृद्धि दर के अनुमान में कमी के बावूजद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।