नई दिल्ली, 30 सितंबर। तमाम कोशिशों के बावजूद देश में लगातार बढ़ती महंगाई (Inflation) के कारण रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को एक बार फिर से रेपो रेट बढ़ाने (RBI Repo Rate Hike) का एलान कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अपनी नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर, रेपो दर में आधा प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। एसडीएफ 5.15 प्रतिशत से बढ़कर 5.65 फीसद कर दिया गया है। इस साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू करने के बाद आरबीआई द्वारा की जाने वाले यह चौथी सीधी बढ़ोतरी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज अपनी बैठक में liquidity adjustment facility (LAF) के तहत पॉलिसी रेपो दर को 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि मई में रेपो दर में 40 बेसिस पॉइंट्स की अप्रत्याशित वृद्धि के बाद जून और अगस्त महीने में आरबीआइ ने 50 -50 आधार अंकों की वृद्धि की है। इस तरह देखें तो यह RBI द्वारा की गई लगातर चौथी वृद्धि है।
मई 2022 से अब तक रिजर्व बैंक रेपो रेट में 190 बेसिस प्वाइंट (1.90 फीसदी) की बढ़ोतरी कर चुका है। आरबीआइ द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से आपके होम और कार लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी।
- आरबीआइ गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दरों में बढ़ोतरी का एलान करते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इस फैसले के बाद अब रेपो रेट 5.40 फीसद से बढ़कर 5.90 फीसद हो गया है।
आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि दुनिया के कई देश दरों में तेज बढ़ोतरी कर रहे हैं। एक के बाद एक हो रही बढ़ोतरी खतरनाक रूप लेती जा रही है। इससे इकोनॉमी के स्लो होने का डर बना हुआ है। लेकिन महंगाई अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। बांड, इक्विटी कर करेंसी सभी आजकल दबाव में हैं।
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की GDP ग्रोथ आज भी सबसे बेहतर है। FY23 Q2 में GDP ग्रोथ 6.3% रह सकती है। अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि उन्होंने इस बात का भी संकेत दिया कि कोर महंगाई दर ऊंचे स्तर पर रहने का अनुमान है। मांग में धीरे-धीरे सुधार जारी है और निवेश में तेजी देखने को मिल रही है। FY23 की दूसरी छमाही में मांग बेहतर रहेगी।