नई दिल्ली, 8 जून। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 हजार के नोट को लेकर गुरुवार को अहम जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। यह आंकड़ा 31 मार्च, 2023 तक चलन में रहे मूल्य के नोटों का लगभग आधा है, जो केंद्रीय बैंक कि अपेक्षाओं के अनुरूप है।
शक्तिकांत दास ने 2000 रुपये के नोट बदलने या जमा करने को लेकर आम जनता को संबोधित करते हुए कहा, ;मैं जनता से अनुरोध करना चाहता हूं कि वे अपनी सुविधानुसार 2,000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने के लिए बैंक शाखाओं में जाएं। जल्दी करने का कोई कारण नहीं है। हालांकि, कृपया इसे अंतिम क्षण तक न छोड़ें।’ इसके लिए 30 सितम्बर की तिथि निर्धारित की गई है।
गौरतलब है पिछले महीने केंद्रीय बैंक ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि बंद किए गए 2,000 रुपये के अधिकतर नोट 30 सितम्बर की समय सीमा तक वापस आ जाएंगे। आरबीआई ने पिछले महीने एक अधिसूचना के माध्यम से सभी बैंकों को तत्काल प्रभाव से 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करने से रोकने की सलाह दी थी।
हालांकि, 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट को नवंबर 2016 में आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24 (1) के तहत मुख्य रूप से नोटबंदी को वापस लेने के बाद अर्थव्यवस्था की मुद्रा की आवश्यकता को तेजी से पूरा करने के लिए पेश किया गया था।
2000 रुपये के बैंकनोटों को पेश करने का उद्देश्य एक बार अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों के पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाने के बाद पूरा हो गया था। इसलिए, 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक की ‘स्वच्छ नोट नीति’ के अनुसरण में, 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को संचलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है।