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आरबीआई की घोषणा : क्रेडिट कार्ड के जरिए भी यूपीआई भुगतान को मंजूरी

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नई दिल्ली, 8 जून। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रेडिट कार्ड के जरिए भी यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के निर्णय की जानकारी देते हुए बुधवार को यह बड़ी घोषणा की।

यूपीआई का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला किया गया – आरबीआई गवर्नर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ताजा फैसले का मकसद यूपीआई का दायरा बढ़ाना है। फिलहाल इसकी शुरुआत रूपे (Rupay) क्रेडिट कार्ड से होगी। इससे ग्राहकों को यूपीआई मंच से भुगतान करना और सुगम होगा। यूपीआई बचत/चालू खातों को जोड़कर लेन-देन को सुगम बनाता है।

26 करोड़ से अधिक यूनिक यूजर्स और 5 करोड़ व्यापारी UPI प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं

शक्तिकांत दास ने कहा, ‘यूपीआई भारत में भुगतान का अहम माध्यम बन गया है। वर्तमान में 26 करोड़ से अधिक यूनिक यूजर्स और 5 करोड़ व्यापारी UPI प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं। अकेले मई, 2022 में 10.40 लाख करोड़ रुपये के 594.63 करोड़ लेनदेन यूपीआई के जरिए किए गए।’

शुरुआत में रुपे क्रेडिट कार्ड इस सुविधा के साथ लैस होंगे

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘यूपीआई वर्तमान में यूजर्स के डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत/ चालू खातों को जोड़कर लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। इसकी पहुंच और उपयोग को और बढ़ाने के लिए, क्रेडिट कार्डों को यूपीआई से जोड़ने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। शुरुआत में रुपे क्रेडिट कार्ड इस सुविधा के साथ लैस होंगे। इस व्यवस्था से यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करने में ग्राहकों को अधिक अवसर और सुविधा मिलने की उम्मीद है। कुछ जरूरी सिस्टम डेवलपमेंट पूरा होने के बाद यह सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए एनपीसीआई को आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।’

रेपो रेट में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी, ईएमआई बढ़ेगी

आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत किए जाने का एलान भी किया। इस कदम से ऋण महंगा होगा और कर्ज की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी। इससे पहले, चार मई को आरबीआई ने अचानक से रेपो दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की थी।

वित्त वर्ष 2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

आरबीआई ने इस साल मानसून सामान्य रहने तथा कच्चे तेल का दाम औसत 105 डॉलर प्रति बैरल रहने की मान्यताओं के आधार पर मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2022-23 में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 7.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है।

वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान

शक्तिकांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दास ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था की उत्पादक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता या नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा शहरी सहकारी बैंकों को अनुसूचित बैंकों की तरह घरों तक अपने ग्राहकों को बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट…रिहायशी मकान…के लिए कर्ज देने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा घरों के दाम में वृद्धि और ग्राहकों की जरूरतों को देखते हुए शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा बढ़ाने की भी अनुमति दी गई है।