Site icon hindi.revoi.in

500 टेस्ट विकेट लेने के बाद बोले रविचंद्रन अश्विन – ‘कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ना मेरा लक्ष्य नहीं’

Social Share

राजकोट, 16 फरवरी। इंग्लैंड के साथ यहां खेले जा रहे तीसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बनने बनने के बाद अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि वह अपने अब तक के प्रदर्शन से काफी संतुष्ट हैं और उनका यह भी कहना है कि उन्हें अनिल कुंबले के 619 विकेट के राष्ट्रीय रिकॉर्ड का पीछा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

अश्विन ने दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “इसका बहुत ही सरल उत्तर ‘नहीं’ है। यह रिकॉर्ड 120 विकेट दूर है। मैं हर दिन जीना चाहता हूं और मैं 37 साल का हूं। नहीं जानता कि आगे क्या होने वाला है। अगले दो महीनों में क्या होगा? आप यह श्रृंखला खेल रहे हो और फिर आगे क्या, तुम्हें नहीं पता। पिछले चार-पांच वर्षों में मैंने यही सीखा है, यह बहुत ही सरल है और मेरे लिए कारगर भी रहा है। जो चीज आपके लिए कारगर हो, उसे क्यों बदलना?’’

‘मैं हमेशा बल्लेबाज बनना चाहता था, जिंदगी ने मुझे मौका दिया

अपने करिअर के सबसे यादगार दिन अपनी यात्रा के बारे में जिक्र करते हुए अश्विन ने कहा कि वह कह सकते हैं कि यह कोई बुरी उपलब्धि नहीं है। अश्विन ने कहा, ‘यह बहुत लंबी यात्रा रही है। नहीं जानता कि कहां से शुरू करूं क्योंकि मैं संयोगवश स्पिनर बना। मैं हमेशा बल्लेबाज बनना चाहता था। जिंदगी ने मुझे मौका दिया।’

‘आईपीएल के मंच ने मुझे टेस्ट पदार्पण का मौका दिया

उन्होंने कहा, ‘जब मैं चेन्नई सुपर किंग्स के ड्रेसिंग रूम में गया तो मुथैया मुरलीधरन नई गेंद से गेंदबाजी नहीं करना चाहते थे और मुझे नई गेंद डालनी पड़ी। मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छी शुरुआत की और मेरा करिअर अच्छा था। लेकिन आईपीएल के मंच ने मुझे काफी लोगों की नजरों में ला दिया और मुझे टेस्ट पदार्पण का मौका मिला। लोगों को संदेह था कि मैं टेस्ट गेंदबाज बन पाऊंगा या नहीं। और 10 से 13 साल बाद मैं कहूंगा कि यह बुरा नहीं है, यह बुरी उपलब्धि नहीं है। मैं बहुत खुश हूं।’

फिलहाल अश्विन का ध्यान मौजूदा टेस्ट में लगा हुआ है, जिससे उन्होंने इस उपलब्धि का बड़ा जश्न नहीं बनाया। उन्होंने कहा, ‘यह टेस्ट का बहुत अहम समय है, अभी नतीजा अधर में है। जश्न मनाने के लिए सबसे अच्छी चीज रात को खाना खाकर फिर इसके बारे में सोचना कि जिंदगी में कितना आगे आ गया हूं।’

Exit mobile version