नई दिल्ली, 12 नवंबर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि उनके कार्यकाल के दौरान एक भी आईसीसी खिताब न जीत पाना निराशाजनक रहा, लेकिन इसका उन्हें कोई अफसोस नहीं है क्योंकि टीम इंडिया ने आईसीसी खिताब से हटकर कई यादगार सफलताएं हासिल कीं।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड खिताबी मुकाबले की देहरी तक जा पहुंचे मौजूदा टी20 विश्व कप में भारतीय टीम को सेमीफाइनल से पहले ही बाहर होना पड़ा। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ सुपर12 चरण के शुरुआती दो लीग मैचों में हार के बाद अफगानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामीबिया पर जीत के बावजूद भारत ग्रुप दो में तीसरा स्थान पा सका। इसके साथ ही टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री का कार्याकाल समाप्त हो गया।
Must Watch: A stirring speech to sign off as the #TeamIndia Head Coach 👏 👏
Here's a snippet from @RaviShastriOfc's team address in the dressing room, reflecting on the team's journey in the last few years. 👍 👍 #T20WorldCup #INDvNAM
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— BCCI (@BCCI) November 9, 2021
5 वर्षों की यात्रा के दौरान हमने कुछ ज्यादा ही हासिल किया
रवि शास्त्री ने ‘इंडिया टुडे’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे कोई पछतावा नहीं। जिस तरह से मेरी और मेरे टीम की पांच वर्षों से अधिक की यात्रा रही है, हमने इस दौरान कुछ ज्यादा ही हासिल किया। ऑस्ट्रेलिया में जीतना काफी बड़ी उपलब्धि रही, इसे आप दूर नहीं ले जा सकते। ऑस्ट्रेलिया में लगभग 70 वर्षों के बाद लगातार दो जीत, यह कुछ ऐसा है, जो अकल्पनीय था। यह इसे बेहद खास बनाता है और निश्चित रूप से, इंग्लैंड में सीरीज में बढ़त हासिल करना भी खास रहा।’
सफेद गेंद वाली क्रिकेट में चीजें बहुत जल्दी बदल जाती हैं
आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाने को लेकर शास्त्री ने कहा, ‘यह एक निराशा है, अफसोस नहीं। अगर एक नहीं, तो शायद हम दो टूर्नामेंट जीत सकते थे, लेकिन ऐसी चीजें होती हैं। सफेद गेंद वाली क्रिकेट में चीजें बहुत जल्दी बदल जाती हैं। यदि आप अच्छी शुरुआत नहीं करते तो बहुत जल्द पीछे हो सकते हैं, जैसा इस वर्ल्ड कप में हुआ।’
‘न्यूजीलैंड के खिलाफ हम उस दिन उतने बहादुर नहीं थे’
मौजूदा विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार को लेकर शास्त्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान के खिलाफ हमने बोर्ड पर रन टांगे थे, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ हम उतने बहादुर नहीं थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमने जज्बा नहीं दिखाया, यह एक दिन के लिए गायब नहीं हो सकता। पिछले पांच-छह वर्षों में इस चीज ने भारतीय टीम को सभी प्रारूपों में शानदार खेल दिखाने वाली महान टीमों में से एक बना दिया है।’
शास्त्री ने कहा, ‘हम उतने बहादुर नहीं थे और यह तब हो सकता है, जब आप मानसिक रूप से थके हुए हों। जब आप देखते हैं कि इन लड़कों ने बायो-बबल में कितना समय बिताया है तो ऐसी चीजें सकती हैं, जैसा न्यूजीलैंड के खिलाफ हुआ। मैं अपना हाथ खड़ा करते हुए कहूंगा कि हम उस दिन न्यूजीलैंड के खिलाफ उतने साहसी नहीं थे।’
शास्त्री पहली बार टीम इंडिया के साथ बतौर डायरेक्टर 2014 में जुड़े थे
गौरतलब है कि रवि शास्त्री पहली बार टीम इंडिया के साथ बतौर डायरेक्टर 2014 में जुड़े थे। उनका कार्यकाल टी20 विश्व कप 2016 तक था। इसके बाद अनिल कुंबले को एक वर्ष के लिए कोच बनाया गया। लेकिन 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारतीय टीम की हार के बाद रवि शास्त्री को फुल टाइम कोच नियुक्त कर दिया गया था।
अब शास्त्री की विदाई के बाद राहुल द्रविड़ के कंधों पर भारतीय टीम को आगे ले जाने की जिम्मेदारी है, जो न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले हफ्ते शुरू हो रही तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय और दो टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज के साथ एक्शन में दिखेंगे।