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श्रीलंका : रानिल विक्रमसिंघे 8वेें राष्ट्रपति निर्वाचित, 3 उम्मीदवारों के बीच मिले सर्वाधिक 134 वोट

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कोलंबो, 20 जुलाई। रानिल विक्रमसिंघे संकटग्रसत श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित किए गए हैं। देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए बुधवार को पूर्वाह्न 10 बजे से श्रीलंकाई संसद में मतदान शुरू हो गया था। रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों के वोट मिले जबकि 225 सदस्यीय संसद में राष्ट्रपति बनने के लिए किसी उम्मीदवार को 113 से अधिक मत हासिल करना था। दिलचस्प तो यह रहा कि देश में प्रदर्शनकारी पहले से ही रानिल विक्रमसिंघे का विरोध करते रहे हैं।

गोटबाया के इस्तीफे के बाद कार्यकारी राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभाल रहे थे विक्रमसिंघे

दरअसल, देश में अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट से निबटने में सरकार की विफलता के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं और राजनीतिक उथल-पुथल तथा देश में फैले अराजकता के माहौल के बीच गोटबाया राजपक्षे ने पिछले दिनों राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के एलान से पहले ही राजपक्षे देश से भाग गए थे। इसके बाद से रानिल विक्रमसिंघे ही बतौर कार्यकारी राष्ट्रपति जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

बदले हालात में श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला तीन उम्मीदवारों – रानिल विक्रमसिंघे, डलास अल्हाप्पेरुमा और वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच था। फिलहाल डलास अल्हाप्पेरुमा को जहां 82 वोट मिले वहीं अनुरा कुमारा दिसानायके के खाते में महज तीन वोट आए।

1978 के बाद पहली बार सांसदों ने गुप्त मतदान से चुना राष्ट्रपति

श्रीलंका में 1978 के बाद से पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों द्वारा गुप्त मतदान के जरिए किया गया। इससे पहले 1993 में कार्यकाल के बीच में ही राष्ट्रपति का पद तब खाली हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त डीबी विजेतुंगा को संसद ने सर्वसम्मति से प्रेमदासा का कार्यकाल पूरा करने का जिम्मा सौंपा था।

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