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रांची हाई कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को दी जमानत, जमीन घोटाला केस में हैं आरोपित

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रांची, 28 जून। झारखंड हाई कोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत दे दी है। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट ने इस याचिका पर तीन दिनों तक बहस और सुनवाई पूरी करने के बाद गत 13 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

गौरतलब है कि हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाले में इसी वर्ष 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के चलते ही उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सोरेन तब से न्यायिक हिरासत में हैं और यहां बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं।

कपिल सिब्बल व मीनाक्षी अरोड़ा ने रखा हेमंत सोरेन का पक्ष

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से दलीलें पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि जिस जमीन पर कब्जे के आरोप में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ काररवाई की है, वह जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत ‘भुईंहरी’ नेचर की है और इसे किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता। इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है। इस जमीन पर हिलेरियस कच्छप नामक एक व्यक्ति खेती करता था और बिजली का कनेक्शन उसी के नाम पर पर है। इससे हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा – ईडी के पास कोई सबूत नहीं

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में इस जमीन पर जब कब्जा करने का आरोप लगाया गया, लेकिन इसे लेकर कहीं शिकायत दर्ज नहीं है। अप्रैल, 2023 में ईडी ने इस मामले में काररवाई शुरू की और सिर्फ कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर बता दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है। ईडी के पास इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि हेमंत सोरेन ने इस पर कब, कहां और किस तरह कब्जा किया। यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है।

ASG एसवी राजू की दलीलें काम नहीं आईं

इधर, ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि यह इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बरियातू की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है। इस जमीन के कागजात में भले हेमंत सोरेन का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत अपराध है। इस जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की उनकी योजना थी, जिसका नक्शा उनके करीबी विनोद सिंह ने उनके मोबाइल पर भेजा था। हेमंत सोरेन काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने राज्य तंत्र का दुरुपयोग करते हुए खुद को बचाने के कई प्रयास किए थे। उन्हें जमानत दी जाती है तो वे फिर से जांच को बाधित करने का प्रयास कर सकते हैं।