अयोध्या, 11 नवम्बर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या ने शनिवार की शाम सातवें दीपोत्सव में एक नया रिकॉर्ड बनाया कुल 22.23 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए। पिछले वर्ष 2022 में प्रज्ज्वलित 15.76 लाख दीपों से इस बार यह संख्या लगभग छह लाख 47 हजार अधिक रही।
ड्रोन से की गई दीपों की गणना के उपरांत दीपोत्सव ने नया कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है। सीएम योगी की अयोध्या के प्रति प्रतिबद्धता ने एक बार फिर इस प्राचीन नगरी को वैश्विक रिकॉर्ड सूची में दर्ज कराया है।गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस ‘भव्य दीपोत्सव’ को देखा और अंततः एक साथ एक स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में दीप प्रज्ज्वलन को विश्व कीर्तिमान का दर्जा दिया।
कीर्तिमान घोषणा के साथ ही अयोध्या ‘जय श्री राम‘ के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी
कीर्तिमान रचने में राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय व इससे जुड़े महाविद्यालयों के शिक्षक, इंटर कॉलेजों के शिक्षक व छात्रों, स्वयंसेवी संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही। दीप प्रज्ज्वलन का नियत समय शुरू होते ही ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ के जाप के साथ एक-एक कर 22.23 लाख दीप जलाए गए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों द्वारा कीर्तिमान रचने की घोषणा के साथ ही पूरी अयोध्या ‘जय श्री राम’ के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से ड्रोन की गणना के उपरांत एग्जीक्यूटर स्वप्निल दंगारीकर व कन्सल्टेंट निश्चल बरोट द्वारा जैसे ही यह जानकारी दी गई। इससे पहले विगत वर्ष भी दीप प्रज्ज्वजन का कीर्तिमान रचा गया था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से प्रमाण पत्र सौंपे जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समूची अयोध्या का अभिवादन किया। 54 देशों के राजनयिक भी इसके साक्षी बने। उन्होंने भी इस अविस्मरणीय, अद्भुत उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हृदय से शुभकामनाएं दीं।
हर दिल में फिर उतरे योगी
2017 में दीपोत्सव के सृजनकर्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आयोजन के बाद समूचे देश के दिल में उतर गए। अयोध्या से अपनी गोरक्षपीठ के प्रगाढ़ रिश्तों को मूर्त रूप देते हुए मुख्यमंत्री ने इसे अनवरत जारी रखा। पहले कार्यकाल के बाद दूसरे कार्यकाल के पहले दीपोत्सव में भी जब यह आयोजन समृद्धतम रहा तो दीपों से दिव्य और भावनाओं से भव्य अयोध्या ने अपने योगी को फिर दिल में बैठा लिया।
दीयों को सजाने में लगाए थे हजारों वॉलंटियर्स
दीपोत्सव की तैयारी काफी दिन पहले से शुरू हो जाती है। इसमें हजारों वॉलंटियर्स के सहयोग का सहयोग लिया गया है। इन्हीं के सहयोग से दीपोत्सव का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है। करीब एक हफ्ता पहले से सरयू घाट पर दीपोत्सव की तैयारियां शुरू हो जाती है। दीपोत्सव के लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान राम 14 सालों का वनवास काटकर जिस दिन अयोध्या लौटे थे, उसी दिन अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनके स्वागत में दिवाली मनाई थी। तब से दिवाली की परंपरा चली आ रही है।
योगी ने खींचा प्रभु श्रीराम का रथ, आसमान से बरसे फूल
अयोध्या में भव्य दीपोत्सव से पहले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण की झांकी निकाली गई। रामलीला मंचन के संक्षिप्त कार्यक्रम में 14 वर्ष वनवास के बाद भगवान राम, माता सीता और भइया लक्ष्मण पुष्पक विमान से अपनी अयोध्या लौट आए। यहां भरत और शत्रुघ्न ने गले लगकर भाइयों का स्वागत किया। यह नयनाभिरामी दृश्य शनिवार को अयोध्या में जिसने भी देखा, उसके नयन छलक उठे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल व उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने पुष्पक विमान से उतरने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण जी का स्वागत किया। वहीं हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। अपने राम को देख समूची अयोध्या प्रफुल्लित हो उठी। हेलीपैड से भगवान श्रीराम, माता जानकी, तीनों भाई, बजरंगबली एवं गुरु वशिष्ठ के साथ रथ पर सवार होकर रामकथा पार्क स्थित कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़े। जिस रथ पर प्रभु अपनी भार्या और भइयों के साथ सवार थे, उसे स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक खींच रहे थे।
सरयू तट पर सीएम योगी ने की आरती
दीपोत्सव से पहले सीएम योगी ने सरयू घाट पर आरती की। इसके बाद लेजर शो का आयोजन किया गया। सरयू घाट पर लगी एलडी स्क्रीन पर रामायण का दृश्य दिखाया गया। इस दौरान सरयू पुल पर वर्चुअल आतिशबाजी का भी आयोजन हुआ। राम की पैड़ी पर दीपोत्सव के साथ मुख्यमंत्री ने लाइट एण्ड साउंड कार्यक्रम और प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए लेजर शो का भी अनावरण किया।
हनुमानगढ़ी व रामलला का दर्शन कर होगी मुख्यमंत्री की वापसी
सीएम योगी दीपोत्सव के अगले दिन हनुमानगढ़ी में आराध्य का दर्शन पूजन करेंगे। पुनः श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करेंगे। इसके बाद सरयू अतिथि गृह में वह रामनगरी के विशिष्ट संत-महंतों से भेंट कर गोरखपुर के लिए रवाना होंगे।