नई दिल्ली, 7 दिसंबर। समाजवादी पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के उच्च सदन में कहा कि आंकड़ों के बजाय देश के गांवों की जमीनी हकीकत अर्थव्यवस्था की वास्तविक तस्वीर पेश करती है। राम गोपाल यादव ने देश की आर्थिक स्थिति पर सदन में मंगलवार से जारी चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर लोगों को आंकड़ों की भूलभुलैया में उलझा रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि आंकड़ों से ही अर्थव्यवस्था की हालत का पता चलता है तो प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत का नम्बर 190 देशों में 130 वां है। भुखमरी के अंतर्राष्ट्रीय सूचकांक में भी 125 देशों में भारत का नम्बर 111 वां है। उन्होंने कहा कि केवल आंकड़े अर्थव्यवस्था की वास्तविक हालत पेश नहीं करते इसके लिए जमीनी तस्वीर को देखना जरूरी है।
वहीं झामुमो की सासंद महुआ माजी ने कहा कि सत्ता पक्ष देश को विश्वगुरू बनाने की बात कर रहा है लेकिन वह यह भूल जाता है कि इसके लिए पहले आर्थिक मजबूती की जरूरत होती है जब देश का नागरिक आर्थिक रूप से मजबूत होगा तो वह कला, संस्कृति और ज्ञान को समृद्ध करेगा तो देश विश्व गुरू अपने आप बन जायेगा। उन्होंने सेनाओं की लिए शुरू की गयी अग्निपथ योजना की भी आलोचना की और कहा कि सेना से लौटने वाले अग्निवीर का आगे का जीवन अनिश्चित रहता है। उन्हाेंने सरकार पर गैर भाजपा राज्यों के साथ आर्थिक भेदभाव करने का भी आरोप लगाया।
भाजपा के महेश जेठमलानी ने कहा कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में देश में बेरोजगारी और महंगाई की दर सबसे कम रही है। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना की मार से उबर कर अब तेज रफ्तार पकड़ रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की दर भी भारतीय रिजर्व बैंक की 6 प्रतिशत की दर से कम हैं।