नई दिल्ली, 23 जुलाई। भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने पेगासस जासूसी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा है कि उनकी संसद बाधित करने की रणनीति रही है।
संसद नहीं चलने देने का राहुल का पुराना इतिहास रहा है
राठौर ने शुक्रवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा – ‘राहुल गांधी का पुराना इतिहास रहा है संसद नहीं चलने देने का। उन्होंने कई बार संसद की कार्यवाही को बाधित किया है। उनकी रणनीति रही है कि संसद काम न करे। वह राष्ट्र की प्रगति में विश्वास नहीं करते हैं।’
भाजपा नेता ने कहा कि कोई जूनियर कॉपी राइटर भी उनके फोन का कॉपी नहीं करना चाहेगा। कानून का शासन है। अगर राहुल गांधी को लगता है कि उनका फोन टैप हुआ है तो वह शिकायत करें और संबंधित एजेंसी को अपना फोन दें, जिससे जांच हो सके।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने जासूसी कांड को लेकर दिन में केंद्र सरकार पर स्पष्ट आरोप लगाते हुए कहा था कि उनका फोन भी टैप किया गया है। उन्होंने इस कृत्य के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की और साथ ही यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी न्यायिक जांच होनी चाहिए।
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 26 जुलाई तक स्थगित
इस बीच पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन और कोविड कुप्रबंधन सहित अन्य मुद्दों को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में लगातार चौथे दिन सुचारु ढंग से कामकाज नहीं हो सका और कई बार की बाधाओं के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
पीयूष गोयल की बैठक में नहीं आए विपक्ष के नेता
इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की ओर से टीएमसी सांसद शांतनु सेन के मसले पर आहूत बैठक नहीं हो सकी क्योंकि बैठक में विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ।
ज्ञातव्य है कि शांतनु सेन को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने दिन में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था, जिन्होंने गुरुवार को पेगासस मुद्दे पर बयान दे रहे आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से कागज छीनकर फाड़ दिया था।
शांतनु का निलंबन होते ही राज्यसभा में हंगामा होने लगा, जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी, जो मध्याह्न 12 बजे और फिर अपराह्न दो बजे निर्धारित समय पर भी हंगामे के चलते नहीं हो सकी और अंततः 26 जुलाई तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
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