नई दिल्ली, 4 अगस्त। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के डेरेक ओ’ब्रायन और आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा के खिलाफ सदन के विशेषाधिकार से संबंधित शिकायतों को आगे की जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया है। राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि ओ’ब्रायन के खिलाफ शिकायत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लक्ष्मीकांत वाजपेयी और सुरेंद्र सिंह नागर ने, जबकि चड्ढा के खिलाफ शिकायत सुशील कुमार मोदी और दीपक प्रकाश ने दर्ज कराई है।
राज्यसभा सचिवालय की ओर से बृहस्पतिवार देर रात जारी बुलेटिन के अनुसार, ‘‘तथ्यों पर विचार करने के बाद राज्यसभा के सभापति ने राज्यसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम 203 के तहत मामले को जांच और रिपोर्ट के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया है।’’
ओ’ब्रायन के खिलाफ नोटिस राज्यसभा में प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 188 के तहत 20 जुलाई को सदन में दिए गए उनके बयान की क्लिपिंग को अपने निजी ट्विटर हैंडल के माध्यम से बार-बार पोस्ट करने के लिए दायर किया गया था। उन्होंने सभापति द्वारा उक्त घटनाक्रम को सदन की कार्यवाही से हटाए जाने के बावजूद ऐसा किया था।
शिकायत में कहा गया है, ‘‘उन्होंने (ओ’ब्रायन) सदन की कार्यवाही से हटाए गए अंशों को एक सप्ताह से अधिक समय तक दैनिक आधार पर ट्विटर पर लगातार पोस्ट किया और कथित तौर पर परिषद की गरिमा एवं अध्यक्ष के अधिकार का अपमान किया।’’
चड्ढा के खिलाफ 25 जुलाई को दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 24 जुलाई को आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह को उनके अशिष्ट व्यवहार और सभापति के निर्देशों के बार-बार उल्लंघन के लिए राज्यसभा के 260वें (मानसून) सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाने के संबंध में उन्होंने मीडिया के सामने जानबूझकर भ्रामक तथ्य पेश किए।
नोटिस में कहा गया है, ‘‘सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि राघव चड्ढा द्वारा साक्षात्कार के दौरान की गई टिप्पणी, जिसमें उन्होंने अन्य बातों के साथ-साथ कथित तौर पर कहा था कि संजय सिंह निलंबित होने के बावजूद सदन के अंदर बैठे रहेंगे, यह राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 256 के तहत निहित प्रावधानों का उल्लंघन करता है और आसन का अपमान है।’’
नोटिस में कहा गया है, ‘‘यह सभापति का निरादर है और विशेषाधिकार हनन का कृत्य है।’’ चड्ढा के खिलाफ डॉ. के लक्ष्मण और एस फान्गनॉन कोन्याक द्वारा संयुक्त रूप से सौंपे गए विशेषाधिकार हनन के एक अन्य नोटिस में एक निजी टेलीविजन चैनल की खबर का हवाला दिया गया है और आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सदन की कार्यवाही को गलत तरीके से पेश किया है। बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया है।