चंडीगढ़, 11 जून। राजस्थान में भले ही कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार जीत गए, लेकिन हरियाणा में कांग्रेस विधायकों की पर्याप्त संख्या होते हुए भी राज्य सभा के लिए अपने उम्मीदवार अजय माकन को जीत नहीं दिलवा पाई। हरियाणा में दो सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार और उसके समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने बाजी मार ली। वोटिंग होने के बाद विवाद की वजह से करीब 8 घंटे तक काउंटिंग नहीं हो सकी और देर रात करीब 2:30 बजे नजीते घोषित किए गए।
हरियाणा के 90 में से 89 विधायकों ने वोट डाला। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा के पंवार को 31 वोट मिले और वह पहली सीट के लिए निर्वाचित हुए। दूसरे उम्मीदवार को भी जीत के लिए इतने ही विधायकों के वोट चाहिए थे। हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के पास 31 सदस्य हैं, लेकिन पार्टी से असंतुष्ट चल रहे कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी के अधिकृत एजेंट को दिखाए बिना वोट डाला। माना जा रहा है कि उन्होंने पार्टी प्रत्याशी को वोट नहीं दिया। भाजपा समर्थित कार्तिकेय शर्मा और अजय माकन को प्रथम वरीयता के 29-29 वोट मिले, लेकिन दूसरी वरीयता के वोट से कार्तिकेय जीत गए।
- वोट रद्द कराने के लिए ईसी में याचिका
राज्य की दोनों राज्यसभा सीटों के लिए सुबह मतदान शुरू होने के साथ ही हाई वोल्टेज ड्रामा देखा गया। मतगणना तब शुरू हुई जब सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा की कांग्रेस के दो वोटों को रद्द करने की याचिका चुनाव आयोग में खारिज कर दी गई। हरियाणा के सीईओ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें सभी वोटों की गिनती करने के लिए कहा था। इसका मतलब यह हुआ कि चुनाव आयोग ने जजपा, भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार की याचिकाओं को खारिज कर दिया। आपको बता दें कि 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 89 विधायकों ने वोट डाला था।