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बिहार में जदयू-भाजपा का गठबंधन खत्म होने से हरिवंश असमंजस में, उपसभापति पद से नहीं देगे इस्तीफा!

बिहार में जदयू-भाजपा का गठबंधन खत्म होने से हरिवंश असमंजस में, उपसभापति पद से नहीं देगे इस्तीफा!

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पटना, 14 अगस्त। बिहार में जदयू-भाजपा का गठबंधन टूटने के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की स्थिति असहज हो गई है। सूत्रों की मानें तो हरिवंश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज बताए जा रहे हैं। इसके पीछे की वजह नीतीश कुमार का हरिवंश को सांसदों और विधायकों की बैठक में नहीं बुलाना बताया जा रहा है।

हरिवंश के एक करीबी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि वह एक संवैधानिक पद पर हैं और जो लोग इस तरह के पद पर बैठे हैं, ऐसे व्यक्ति अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान किसी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं होते हैं। उन्हें इस्तीफा क्यों देना चाहिए?

उन्होंने कहा कि पटना में नीतीश कुमार ने नौ अगस्त को जदयू की बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्हें (हरिवंश) आमंत्रित नहीं किया गया था। इसलिए वह उसमें नहीं गए थे, लेकिन नीतीश कुमार के लिए उनके मन में बहुत सम्मान है।

हरिवंश ने अब तक नहीं दिया है कोई बयान

गौरतलब है कि हरिवंश जदयू के राज्यसभा सदस्य हैं। पार्टी के भाजपा से अलग होने के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वह इस पद पर बने रहेंगे या फिर इस्तीफा देंगे? हालंकि हरिवंश ने इस संदर्भ में अब तक इस पर अपना कोई बयान नहीं दिया है।

नीतीश कुमार से मुलाकात कर दर्ज कराएंगे अपना विरोध

वहीं, सूत्रों की मानें तो हरिवंश एक हफ्ते बाद नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे और उनसे अपना विरोध दर्ज कराएंगे। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा देने के लिए कहते हैं तो वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। सूत्रों ने यह भी कहा कि हरिवंश नीतीश कुमार की इच्छा भाजपा नेताओं को बताएंगे। अगर भाजपा या एनडीए के नेता हरिवंश को इस्तीफा देने के लिए कहते हैं तो वह उपसभापति पद से अपना इस्तीफा देंगे।

भाजपा या एनडीए के नेता कहेंगे, तभी पद से इस्तीफा देंगे

इस बीच जदयू के एक नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि हरिवंश के नाम का प्रस्ताव भाजपा ने किया था और उन्हें कई दलों के समर्थन से चुना गया था। उन्होंने बताया मौजूदा राजनीतिक स्थिति में राज्यसभा के उपसभापति को उनके पद से तभी हटाया जा सकता है, जब भाजपा उनके खिलाफ अविश्वास व्यक्त करे।

ललन सिंह बोले – हरिवंश जी का पद संवैधानिक, इस पर कोई प्रभाव नहीं होना चाहिए

वहीं, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा, ‘हरिवंश जी, हमारे सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए पूरा सम्मान रखते हैं। लेकिन यह भी समझना चाहिए कि राज्यसभा का उपसभापति एक संवैधानिक पद है और निर्वाचित व्यक्ति छह साल तक इस पद पर रहता है। इसलिए इसका कोई प्रभाव नहीं होना चाहिए।’

ललन सिंह ने कहा, ‘वह (हरिवंश) एकमात्र सांसद थे, जो पार्टी की बैठक में नहीं आए थे। हमने उनसे फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि नीतीश जी उन्हें सार्वजनिक जीवन में लाए हैं, ऐसे में वह नीतीश जी के साथ हैं और उनके साथ रहेंगे।’

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