नई दिल्ली, 30 नवंबर। संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन को रद करने की अपील खारिज कर दी।
राज्यसभा ने इन सांसदों को पिछले मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन में उनके अभद्र आचरण के लिए मौजूदा सत्र से निलंबित करने के संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दी थी।
वेंकैया नायडू बोले – सांसदों ने अपने अभद्र व्यवहार के लिए खेद नहीं जताया
नायडू ने कहा कि सांसदों ने अपने अभद्र व्यवहार के लिए खेद नहीं जताया है और इस संबंध में की गई काररवाई अंतिम निर्णय है। इसके बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
निलंबित सदस्यों में कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक-एक सदस्य शामिल हैं। इन सदस्यों में कांग्रेस की फुलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपन बोरा, राजमणि पटेल, सैंयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनोय विश्वम, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सदस्य इलामारम करीम, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री तथा शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई शामिल हैं।
कांग्रेस का अहंकार देश की जनता अब और बर्दाश्त नहीं करेगी : प्रहलाद जोशी
इसके पूर्व केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि सांसदों को निलंबन की वापसी के लिए माफी मांगनी होगी। उन्होंने कहा, ‘सांसदों का निलंबन रद होने के लिए सांसदों को माफी मांगनी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं लगता कि सदन में जो कुछ भी हुआ था, उसपर काररवाई होनी चाहिए। यह अहंकार देश की जनता अब और बर्दाश्त नहीं करेगी।’