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सभापति जगदीप धनखड़ और सांसद जया बच्चन के बीच बहस के बीच जबर्दस्त हंगामा, राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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नई दिल्ली, 9 अगस्त। राज्यसभा में शुक्रवार को सभापति जगदीप धनखड़ व सपा सांसद जया बच्चन के बीच हुई गर्मागर्म बहस के बाद हंगामा इतना बढ़ गया कि राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा। दरअसल, जया बच्चन ने सभापति धनखड़ की टोन पर सवाल उठाए तो वह भड़के और सदस्य को मर्यादित आचरण की नसीहत दे डाली।

सभापति धनखड़ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकता है विपक्ष

मामला इतना बिगड़ गया कि विपक्ष सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अनुच्छेद 67 के तहत महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी करने लगा। इस क्रम में सदन स्थगित किए जाने से पहले सभापति धनखड़ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कमरे में सांसदों के हस्ताक्षर कराए जा रहे थे।

क्या कहता है अनुच्छेद 67?

अनुच्छेद 67 (बी) कहता है कि उप राष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत द्वारा पारित और लोकसभा द्वारा सहमत एक प्रस्ताव द्वारा उनके कार्यालय से हटाया जा सकता है। महाभियोग प्रस्ताव के लिए 14 दिनों की नोटिस देनी पड़ती है।

जया बच्चन ने कहा – सर, आपकी जो टोन है, ठीक नहीं है

दरअसल जया बच्चन ने सभापति से कहा, ‘मैं एक एक्टर हूं और बॉडी लैंग्वेज, एक्सप्रेशन समझती हूं। मुझे माफ करिएगा सर, आपकी जो टोन है, ठीक नहीं है। हम लोग कलीग हैं, आप वहां हैं। आपकी टोन अस्वीकार्य है।’

सभापति का जवाब आप सेलिब्रिटी होंगी लेकिन डेकोरम मानना पड़ेगा

इस पर भड़के सभापति ने कहा कि जयाजी, आपने महान उपलब्धि हासिल की है। आप जानती हैं कि एक एक्टर, डायरेक्टर का विषय है। उन्होंने कहा, ‘मैं हर रोज दोहराना नहीं चाहता। हर दिन आपकी स्कूलिंग करना नहीं चाहता। आप मेरी टोन को लेकर बात कर रही हैं? बहुत अधिक है। मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा। आप कोई भी हों, आपको डेकोरम मानना पड़ेगा। आप सेलिब्रिटी होंगी, लेकिन डेकोरम मानना पड़ेगा।’

हंगामे के बीच विपक्ष का सदन से वॉकआउट

इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने ‘दादागीरी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए वॉकआउट कर दिया। राज्यसभा में विपक्ष के आचरण को अमर्यादित बताते हुए निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ। हंगामे और निंदा प्रस्ताव के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उसके बाद सदन कि कार्यवाही फिर शुरू हुई तो ज्यादा देर नहीं चली और अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

‘हम स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं, हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं

बाद में सदन से बाहर जया बच्चन ने कहा, ‘मैंने सभापति की टोन को लेकर आपत्ति जताई। हम स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं उनके बोलने के लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप यह कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए।’

जया ने सभापति से माफी की मांग की

जया बच्चन ने आगे कहा, “मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का प्रयोग करना, जो मैं यहां सबके सामने नहीं कहना चाहती। तुम उपद्रवी हो, ‘बुद्धिहीन’ हो, ये कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रिटी हो सकते हैं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं। मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं। आजकल संसद में जिस तरह से बातें कही जा रही हैं, पहले कभी किसी ने नहीं बोलीं। मुझे माफी चाहिए।’

प्रमोद तिवारी बोले – हम लोग जया बच्चन के साथ

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “परंपरा रही है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता, जो कि एक संवैधानिक पद है, बोलने के लिए खड़े होते हैं तो दोनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। घनश्याम तिवारी ने सदन में ऐसी भाषा और लहजे का इस्तेमाल किया है, जिसमें गरिमा का अभाव है। इसके बाद उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर. हम मांग करते हैं कि चूंकि घटना सदन में हुई, इसलिए उन्हें सदन में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए। जया बच्चन जो सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्होंने भी यही बात कही है और हम सभी उनके साथ खड़े हैं।’

उप राष्ट्रपति संसद सदस्य का अनादर नहीं कर सकते – प्रियंका चतुर्वेदी

वहीं शिव सेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘वह (समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन) उप राष्ट्रपति से कहीं अधिक अनुभव वाली हैं। वह संसद सदस्य का अनादर नहीं कर सकते।’ दूसरी तरफ टीएमसी सांसद डोला सेना ने कहा कि जया बच्चन यहां पर सेलिब्रिटी की हैसियत से नहीं आती हैं, वह यहां पर एक सांसद के तौर पर आती हैं।