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राजनाथ सिंह का राहुल गांधी पर हमला – ‘जल्दी से एटम बम फोड़ दीजिए, सिर्फ अपने आप को सुरक्षित रखिए’

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पटना, 2 अगस्त। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी विरोध पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा है कि ये लोग सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने शनिवार को यहां दैनिक जागरण समूह की ओर से आयोजित ‘समर्थ बिहार, सशक्त भारत’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर करार प्रहार किया और उनसे पूछा कि उनके पास सबूतों का परमाणु बम है तो साबित करें कि चुनाव आयोग बिहार में मतदान चोरी कर रहा है।

चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने का प्रयास

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘आप लोगों को संभवतः याद होगा कि पहले भी राहुल गांधी जी ने इसी तरह का बयान दिया था कि जिस दिन वे बोलेंगे भूचाल आ जायेगा। उन्होंने ही संसद को भूकंप की धमकी दी थी, लेकिन जब वह बोले तो वह एक फ्लॉप शो साबित हुआ।’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का चुनाव आयोग एक ऐसा संस्थान है, जो अपार निष्ठा के लिए जाना जाता है। वह हर काम देशहित में ही करता है। मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर जो दुष्प्रचार किया रहा, चुनाव आयोग की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है, वह गलत है। चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हों। विपक्ष के नेता को एक संवैधानिक संस्था के बारे में इस तरह का बयान देने का कोई अधिकार नहीं है।

कांग्रेस के हाथों पर खून लगा है

रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी अपनी पार्टी के हाथों पर खून लगा है, जिसने 1975 में आपातकाल लागू करके लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया। उनके मुंह से ऐसे निराधार और उलटे बयान शोभा नहीं देता।

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष को घेरा

पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर ‘सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित वीरता को श्रद्धांजलि देने के बजाय’ ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाने के लिए कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘हाल ही में, हमने संसद के दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की। दोनों बहसें 16-16 घंटे तक चलीं। विपक्ष स्तब्ध रह गया, जिसने आक्रामक रुख अपनाते हुए शुरुआत की थी।’

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह अफसोसजनक है कि विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहा है, जिसमें हमारे बहादुर सशस्त्र बलों ने इतने सारे आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। इस अवसर पर देश के सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि अर्पित करना जरूरी था। यह अतीत में भी परंपरा रही है। 1971 के युद्ध के दौरान (जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं), हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन सरकार का पूरे दिल से समर्थन किया था। आतंकवाद को हमेशा के लिए जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए ऐसी एकता जरूरी है।’

2013 में गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार धमाकों का जिक्र किया

रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व, जिसकी विशेषता आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक काररवाई है, और पिछली कांग्रेस सरकारों के नरम रुख के, जो वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति की चिंताओं से दबे हुए थे, बीच भी अंतर दर्शाया। सिंह ने 2013 में गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार धमाकों का जिक्र करते हुए कहा, जब वह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी के साथ बिहार में उनकी पहली रैली के दौरान मंच साझा कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘लोग आज भी 2014 से पहले के दौर को याद करके सिहर उठते हैं, जब आतंकी हमले आम बात हो गए थे। इसी शहर में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए थे।’

मालेगांव में भगवा आतंकवाद के नाम पर निर्दोष लोगों को फंसाया

वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘हमने मालेगांव विस्फोट मामले में देखा, भगवा आतंकवाद के नाम पर निर्दोष लोगों को फंसाया गया। फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता। हम यही तो हमेशा से कहते आ रहे हैं।’ इस मामले के सभी आरोपितों को, जिनमें पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हैं, हाल ही में बरी कर दिया गया।

वोट बैंक की राजनीति आतंकवाद के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर कर रही

पिछली नरेंद्र मोदी कैबिनेट में गृह मंत्री रह चुके सिंह ने कहा, ‘वोट बैंक की राजनीति आतंकवाद के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर कर रही है। पिछले 11 वर्षों में इस खतरे के खिलाफ हमारा संकल्प और मज़बूत हुआ है। हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल आसमान छू रहा है। जो कुछ भी इस उत्साह को कम करता है, वह न तो राष्ट्रहित में है और न ही जनहित में।’

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